Dharavi Slum dweller Umesh Keelu become Lieutenant: अगर आपके हौंसले बुलंद हैं और कुछ कर गुजरने की लालसा है तो लक्ष्‍य हास‍िल करने में आपको कोई भी बाधा नहीं रोक सकती. मुंबई के धारावी झुग्‍गी बस्‍ती में रहने वाले उमेश कीलू (Lieutenant Umesh Keelu) इसका बड़ा उदाहरण हैं. झुग्‍गी बस्‍ती में रहकर और तमाम सुव‍िधाओं के घोर अभाव के बावजूद आज वो भारतीय सेना में एक कमीशन अध‍िकारी बने हैं. शनिवार (9 मार्च) को चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकेडमी में पासिंग आउट परेड आयोजित की गई ज‍िसके बाद अब वो लेफ्ट‍िनेंट बन गए हैं. 


भारतीय सेना में उनको लेफ्ट‍िनेंट बनने से तमाम बाधाएं नहीं रोक पायीं. जीवन की सभी मुसीबतों और कठ‍िनाइयों को उन्‍होंने पार करते हुए आज सेना (Indian Army) में बड़ा ओहदा हास‍िल करने में कामयाबी पायी. उनके साहस, मेहनत और लगन की खूब सराहना की जा रही है. 


रक्षा व‍िभाग ने की उमेश कीलू की सफलता की प्रशंसा 


पीआरओ डिफेंस मुंबई ने सोशल मीड‍िया मंच 'एक्स' पर लेफ्टिनेंट उमेश कीलू की सफलता की खूब प्रशंसा की गई है और पासिंग आउट परेड से जुड़ा उनका एक वीडियो भी साझा किया है. पोस्ट साझा करते हुए ल‍िखा, "लेफ्टिनेंट उमेश कीलू से मिलें क्योंकि वह आज भारतीय सेना में एक अधिकारी बन गए हैं. मुंबई के एक कठिन इलाके धारावी (Dharavi) में पले-बढ़े इस अधिकारी ने कई चुनौतियों का सामना क‍िया है और राष्‍ट्र सेवा के लिए पूरी तरह तैयार हैं." 


प‍िता का 2013 में हो गया था न‍िधन 


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताब‍िक, उमेश कीलू ने प‍िछले कुछ सालों में सेवा चयन बोर्ड (SSB) को पास करने के ल‍िए कुल 12 प्रयास क‍िए ज‍िसके बाद अब वो प्रतिष्ठित अकेडमी में शामिल हुए. इस दौरान उनके प‍िता का बीमारी के चलते न‍िधन हो गया. वह 2013 में ही लकवाग्रस्‍त हो गए थे. इसके बाद उनकी पार‍िवार‍िक आर्थ‍िक हालात खराब हो गयी क्‍योंक‍ि घर में वो ही अकेले कमाने (पेंटर) वाले थे. प‍िता के न‍िधन की खबर सुनने के बाद वह अंतिम संस्कार के लिए मुंबई धारावी गए और बाद में अकेडमी वापस लौट आए. उन्‍होंने अकेडमी में वापस कर खूब लगन और मेहनत की ज‍िसके बाद अब आज कमीशन अध‍िकारी बनकर माता-प‍िता का सपना साकार क‍िया.  






प्रेरणा देने वाली है उमेशी कीलू की संघर्ष की कहानी 


उमेश कीलू का जन्म और पालन-पोषण मुंबई के धारावी के सायन कोलीवाड़ा स्लम में हुआ था. वह अपने पर‍िवार के साथ 10 फीट बाय 5 फीट के मकान में रहते थे. तमाम वित्तीय मुसीबतों के बाद भी उन्‍होंने आईटी में विज्ञान स्नातक (बीएससी) और कंप्यूटर साइंस में पोस्‍ट ग्रेजुएशन की. एनसीसी एयर विंग से जुड़े रहने के चलते उनको 'सी' प्रमाणपत्र हासिल हुआ. पर‍िवार के भरण-पोषण के लिए उन्होंने एक साइबर कैफे में पार्ट टाइम जॉब भी की और कंप्यूटर ऑपरेटर के रूप में काम किया. आईटी सेवा क्षेत्र में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज और ब्रिटिश काउंसिल के साथ भी उन्‍होंने अपनी सेवाएं दीं. 


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