26/11 Mumbai Attack: 15 साल पहले मुंबई में हुए आंतकी हमले की वजह से 160 लोगों की जान गई थी और करीब 300 लोग घायल हुए थे लेकिन इस हमले के बाद मुंबई की सुरक्षा को लेकर समीक्षा की गई और सुरक्षा तंत्र में कई बड़े बदलाव किए गए. क्या ऐसे हमले दोबारा नहीं होंगे, क्या सारी खामियां दुरुस्त कर ली गई हैं या अब भी सुधार की दरकार है?


2008 के आंतकी हमले की साजिश पाकिस्तान में रची गई थी. हमले से जुड़े सारे आंतकी समंदर के रास्ते मुंबई में दाखिल हुए थे, इसलिए भारत सरकार ने समुद्री सुरक्षा की खामियों को दुरुस्त करने के लिए अहम कदम उठाए. इसके अलावा आंतकवाद से निपटने के लिए कई ढांचे को ठीक करने, स्वचलित पहचान प्रणाली ताकि समुद्री जहाज की जानकारी मिलती रहे जैसे सुधार किए हैं. 


26/11 हमले के बाद हुआ फोर्स वन का गठन


मुंबई पुलिस ने कहा है कि समंदर में चार परत की सुरक्षा प्रणाली विकसित की गई है. इसके साथ-साथ समंदर से सटे कई पुलिस स्टेशन तैयार किए गए हैं. वहीं पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरा लगवा दिए गए हैं, 2008 में शहर में काफी कम कैमरा हुआ करते थे. हालांकि अब पुलिस ने लोगों से कहा है कि वे अपने दुकानों और हाउसिंग सोसाइटी में कैमरे लगवाएं.  आंतकी हमले के बाद महाराष्ट्र की सरकार ने एक स्पेशल फोर्स का गठन कर दिया है. इस फोर्स का नाम 'फोर्स वन' है. 


क्या हैं कमियां?


मुंबई अरब सागर से सटा शहर है इसलिए यहां कई बड़ी संख्या में मछुआरे रहते हैं और समंदर में मछली मारने जाते हैं लेकिन ये मछुआरे जिस नाव का इस्तेमाल करते हैं उसमें ट्रांसपोंडर नहीं लगा होता है. इसके अलावा कई छोटे जहाजों में भी ट्रांसपोंडर नहीं लगा है. इस वजह से उनकी ट्रैकिंग में अब भी समस्या आती है.


पुलिस की बात करें तो वह अभी भी अच्छे से ट्रेंड नहीं है, जिसमें अभी भी सुधार की जरूरत है. हालांकि मुंबई पुलिस ने 26/11 के वक्त जांबाजी की मिसाल दी थी, लेकिन तब भी उनके पास आतंकवादियों को ट्रैक करने की सीमित संसाधन थे.


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