Mukhtar Ansari Died: उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में खूंखार अपराधी और माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. कुछ दिन पहले ही उसे अस्पताल में भी भर्ती कराया गया था. भले ही मुख्तार अंसारी अपराध की दुनिया का बेताज बादशाह रहा हो लेकिन वो एक प्रतिष्ठित परिवार से संबंध रखता था. उसके दादा डॉ. एम.ए. अंसारी एक स्वतंत्रता सेनानी थे तो उसके नाना ब्रिगेडियर उस्मान पाकिस्तान के साथ जंग लड़ते हुए शहीद हुए.


बहुत कम लोगों को पता है कि ब्रिगेडियर उस्मान के नेतृत्व में एक छोटी सी टुकड़ी ने पाकिस्तान से आए एक हजार कबाइलियों और जम्मू-कश्मीर के नौशेरा को दोबारा से अपने कब्जे में लिया था. दरअसल, पाकिस्तान ने आजादी के तुरंत बाद ही भारत पर हमला कर दिया था. ऐसे में ब्रिगेडियर उस्मान को पुंछ और झांगर को आजाद कराने का जिम्मा दिया गया और इस जिम्मेदारी को उन्होंने बखूबी निभाया.


मोहम्मद अली जिन्ना ने दिया था पाकिस्तान आर्मी का चीफ बनने का ऑफर


मुख्तार अंसारी के नाना ब्रिगेडियर उस्मान को हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल के तौर पर देखा जाता है. उन्होंने पाकिस्तान आर्मी चीफ बनने के ऑफर को ठुकरा दिया था. ये ऑफर उनको मोहम्मद अली जिन्ना ने दिया था लेकिन उन्होंने हिंदुस्तान के लिए शहीद होने का सम्मान चुना. ब्रिगेडियर उस्मान को महावीर चक्र से भी नवाजा गया था. साथ ही उन्होंने ही सेना में जय हिंद कहने की परंपरा भी शुरू की थी.


पाकिस्तान नहीं हिंदुस्तान को चुना


ब्रिगेडियर उस्मान बलूच रेजिमेंट में थे और धर्म से मुसलमान. बंटवारे के समय लोगों को उम्मीद थी कि वो पाकिस्तान जाना चुनेंगे लेकिन उनके फैसले ने सभी को चौंका दिया और उन्होंने हिंदुस्तान में रहना चुना. इतना ही नहीं मोहम्मद अली जिन्ना और पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली ने उन्हें जल्दी प्रमोशन का ऑफर भी दिया. दावा किया जाता है कि उस्मान को पाकिस्तानी सेना का अध्यक्ष बनने का ऑफर दिया गया लेकिन ये पैंतरा उनके सामने काम न आया. उस्मान अपने देश लौटे और 77 पैराशूट ब्रिगेड के साथ अमृतसर के लिए रवाना हो गए.


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