Jahangirpuri Demolition: राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में हनुमान जयंती के दिन हुई हिंसा के बाद पुलिस की कार्रवाई को एकतरफा करार दिए जाने संबंधी आरोपों को खारिज करते हुए केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार जाति, समुदाय के आधार पर नहीं बल्कि ‘‘अपराध और करतूतों’’ के आधार पर कार्रवाई करती है.


नकवी ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि गुनहगार की पहचान ‘‘गोत्र’’ से नहीं बल्कि उसके गुनाह से होती है और वह चाहे कोई भी हो, सामाजिक सौहार्द को नुकसान पहुंचाने की छूट नहीं मिलनी चाहिए. ज्ञात हो कि जहांगीरपुरी में शनिवार को हनुमान जयंती की शोभायात्रा के दौरान दो समुदायों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें आठ पुलिस कर्मी और एक स्थानीय निवासी घायल हो गये. पुलिस के अनुसार, झड़पों के दौरान पथराव और आगजनी हुई और कुछ वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया गया.


भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता एवं अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि यहां, ‘‘कास्ट, कम्युनिटी, कनेक्शन’’ पर नहीं, बल्कि ‘‘क्राइम और करतूत’’ पर कार्यवाही होती है. नकवी ने कहा कि कुछ लोग लगातार ‘‘नफरत की नो-बॉल’’, ‘‘हेट की हैट्रिक’’ में लगे हुए हैं लेकिन देश - समाज ऐसे ‘‘पिटे प्लेयर्स के पाखंडी प्रयासों’’ को नाकाम करता रहा है और इस बार भी करेगा.


उन्होंने कहा, ‘‘क्राइम और करतूत पर कम्युनल कवच चढ़ाने वाले गुनहगारों के साथ गठजोड़ बनाकर कुछ लोग समाज में भ्रम और भय का माहौल बनाना चाहते हैं.’’ उन्होंने कहा कि ‘‘सौहार्द की सियासी लिंचिंग का सिंडिकेट’’ देश की एकता के ताने-बाने को कभी नुकसान नहीं पहुंचा पायेगा. उन्होंने सभी से मिलजुल कर देश में शांति-सौहार्द को मजबूत करने का आह्वान किया. ज्ञात हो कि दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी में हुई हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों पर सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाया है. साथ ही पुलिस ने दो और लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें से एक व्यक्ति पर मामले के आरोपी को पिस्तौल उपलब्ध कराने का आरोप है.


इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में अवैध निर्माण पर चलाए जा रहे बुलडोजर पर रोक लगा दी. कोर्ट ने निर्देश दिया कि वह नयी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी) के मेयर और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को हिंसा प्रभावित जहांगीरपुरी में विध्वंस रोकने के उसके आदेश से तत्काल अवगत कराएं. मुख्य न्यायाधीश एनवी रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने बुधवार सुबह जहांगीरपुरी में प्रशासन का अतिक्रमण विरोधी अभियान रोकने का आदेश दिया था. पीठ ने दंगे के आरोपियों के खिलाफ कथित तौर पर लक्षित नगर निकायों की कार्रवाई को चुनौती देने वाली याचिका भी सुनवाई के लिए स्वीकार कर ली थी.


बाद में पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे की इस दलील को संज्ञान में लिया कि शीर्ष अदालत के आदेश के बावजूद इलाके में विध्वंस जारी था, क्योंकि अधिकारी कह रहे हैं कि उन्हें इसकी सूचना नहीं दी गई है. दवे ने शीर्ष अदालत से तत्काल आ‍वश्यक कार्रवाई करने की अपील करते हुए कहा, “अन्यथा बहुत देर हो जाएगी.”इस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “ठीक है. सर्वोच्च अदालत के महासचिव या रजिस्ट्रार जनरल के माध्यम से तत्काल इसकी सूचना दें.”


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