Mughal Gardens To Amrit Udyan:  इतिहास के साथ मुगल गार्डन की यादों का सफर लंबा है. अंग्रेजी वास्तुकारों ने इसे अंग्रेजी बगीचे की स्टाइल के साथ ही मुगल सल्तनत के साथ भी जोड़ा. तब इसे फर्स्ट गार्डन ऑफ रिपब्लिक नाम दिया गया. 105 से अधिक साल बीत जाने के बाद भी मुगल लफ्ज इसके साथ जुड़ा रहा, लेकिन अब ये लफ्ज इस बगीचे के नाम से जुदा हो रहा है. इस बगीचे की जिंदगी के सफर में ये तीसरी बार है जब इसका नामकरण किया गया. अब ये अमृत उद्यान है. इस शानदार बगीचे के बनने से लेकर उसके नामकरण के सफर तक हम आपको लेकर चलते हैं.


105 साल पहले बना डिजाइन 


अंग्रेज वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने 1917 की शुरुआत में ही अमृत उद्यान यानी मुगल गार्डन के डिजाइन को आखिरी रूप दे दिया था, लेकिन यहां फूलों के पौधों का रोपने का काम 1928-1929 के दौरान किया गया था. बगीचे के लिए उनके सहयोगी बागवानी के निदेशक विलियम मुस्टो थे. लुटियंस ने इस बात को ध्यान में रखा कि राष्ट्रपति भवन की इमारतों में वास्तुकला की दो अलग-अलग शैलियां भारतीय और पश्चिमी इस्तेमाल में लाई गई. 


इस तरह से सर लुटियंस यहां बनाए जाने वाले बगीचे के लिए  मुगल शैली और अंग्रेजी फूलों के बगीचे की दो अलग-अलग बागवानी परंपराओं को एक साथ लाए.  मुगल शैली से उन्होंने बगीचे के लिए नहरें, छतों और फूलों की झाड़ियों का कांस्पेट लेकर इसे खूबसूरती के साथ यूरोपीय फूलों की क्यारियों, लॉन और मेंड संग मिलाया और फिर तैयार हुआ आज का मुगल गार्डन. 


हालांकि तब इसे मुगल गार्डन नहीं बल्कि फर्स्ट गार्डन ऑफ रिपब्लिक नाम दिया गया था. तब लुटियंस को वायसराय हाउस बनाने के लिए इंग्लैंड से भारत बुलाया गया था. ये सिलसिला तब शुरू हुआ जब अंग्रेज 1911 में अपनी राजधानी को कोलकाता से दिल्ली लेकर आए. उसी दौरान रायसीना हिल्स को काटकर वायसराय हाउस बनाने की कवायद शुरू हुई थी.


यही वायसराय हाउस अब राष्ट्रपति भवन कहलाता है. 15 एकड़ में फैले राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन को बनाने में मुगल काल के जम्मू -कश्मीर और ताजमहल के चारों तरफ बनाए बगीचे सहित भारत की मिनिएचर पेंटिग्स के साथ ही पर्शिया का असर रहा. यही वजह रही कि इसे मुगल गार्डन कहा गया.


अब है ये अमृत उद्यान


भारत की केंद्र सरकार ने 28 जनवरी शनिवार को नई दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के मुगल गार्डन का नाम बदलकर "अमृत उद्यान" कर दिया. इसके पीछे की बड़ी वजह है कि भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 'अमृत महोत्सव' की थीम को ध्यान में रखते  मुगल गार्डन का नाम बदला गया है.


अमृत उद्यान का उद्घाटन 29 जनवरी रविवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी और 31 जनवरी से नए नाम "अमृत उद्यान" से ये आम जनता के लिए खुल जाएगा. 26 मार्च तक जनता इस उद्यान का दीदार कर सकेगी. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की डिप्टी प्रेस सेक्रेटरी नविका गुप्ता ने कहा, " आजादी के 75 साल पूरे होने के समारोह के तहत 'आजादी के अमृत महोत्सव' के मौके पर भारत की राष्ट्रपति ने राष्ट्रपति भवन उद्यान को अमृत के रूप में एक सामान्य नाम दिया है."


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