Electoral Bonds: इलेक्टोरल बॉन्ड की डिटेल्स सार्वजनिक होने के बाद हर रोज इसे लेकर नई जानकारी सामने आ रही है. बॉन्ड की डिटेल्स से ये भी मालूम चल रहा है किन कंपनियों की तरफ से इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए कब-कब किस राजनीतिक दल को फंडिंग दी गई है. इसी कड़ी में चेन्नई सुपर किंग्स का नाम भी इलेक्टोरल बॉन्ड की लिस्ट में सामने आया है. चेन्नई सुपर किंग्स को 'चेन्नई सुपर किंग्स क्रिकेट लिमिटेड' नाम की कंपनी चलाती है, जिसका पैरेंट ओर्गेनाइजेशन इंडिया सीमेंट है.


भारतीय टीम के पूर्व कप्तान एम एस धोनी आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स के वर्तमान कप्तान हैं. धोनी की टीम का स्वामित्व रखने वाली कंपनी ने तमिलनाडु की 'अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम' यानी AIADMK को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए पैसा दिया है. द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, AIADMK को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 6.05 करोड़ रुपये मिले हैं. इसमें से ज्यादातर पैसा चेन्नई सुपर किंग्स क्रिकेट लिमिटेड (इंडिया सीमेंट लिमिटेड के निदेशक) से आया है. 


AIADMK को चेन्नई सुपर किंग्स ने कितना पैसा दिया?


'चेन्नई सुपर किंग्स क्रिकेट लिमिटेड' ने दो दिनों के भीतर AIADMK को 5 करोड़ रुपये की फंडिंग की. ये पैसा 2019 में 2 से 4 अप्रैल के बीच दिया गया. हालांकि, इसके बाद पार्टी को चेन्नई सुपर किंग्स की तरफ से कोई पैसा नहीं मिला है. चुनाव आयोग के 'इलेक्शन एक्सपेंडिचर डिवीजन' के सचिव के साथ शेयर की गई जानकारी के मुताबिक, पार्टी को कोयंबटूर स्थित लक्ष्मी मशीन वर्क्स लिमिटेड से 1 करोड़ और चेन्नई के गोपाल श्रीनिवासन से 5 लाख रुपये राजनीतिक चंदे के तौर पर मिले.


संयोग से, पार्टी ने यही जानकारी दो बार 2019 में एक बार अपने तत्कालीन समन्वयक ओ. पन्नीरसेल्वम (निष्कासित होने के बाद) के जरिए और फिर 2023 में अपने महासचिव एडप्पादी के. पलानीस्वामी के जरिए भी दी थी.


डीएमके को कितना पैसा मिला? 


तमिलनाडु की सत्तारूढ़ पार्टी डीएमके को लेकर भी अहम जानकारी सामने आई है. डीएमके को इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए 656.6 करोड़ रुपये मिले हैं. डीएमके ने बताया है कि उसे इलेक्टोरल बॉन्ड के जरिए मिले 656.6 करोड़ में से 509 करोड़ रुपये फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज के जरिए मिला है. डीएमके को मिले कुल राजनीतिक चंदे में फ्यूचर गेमिंग एंड होटल सर्विसेज के डोनेशन की हिस्सेदारी 77 फीसदी से ज्यादा है. इस कंपनी के मालिक, सैंटियागो मार्टिन प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच के दायरे में भी हैं.


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