IAS in Madhya Pradesh Assembly Elections: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों को लेकर बिगुल बज चुका है. चुनाव आयोग की ओर से मतदान की तारीख का ऐलान कर दिया है. प्रदेश की सभी 230 सीटों पर एक चरण में 17 नवंबर को वो​टिंग होगी. इस घोषणा के बाद अब एमपी प्रशासन में सेवाएं दे चुके अफसर भी चुनावी मैदान में उतरने को आतुर हैं. खासकर शहडोल  और छतरपुर संभाग बेहद चर्चा में बने हैं. 


दरअसल, शहडोल संभाग के कमिश्नर आईएएस राजीव शर्मा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. वहीं, छतरपुर जिले की डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लेकिन शिवराज सरकार की ओर से अभी तक उसको स्वीकार नहीं ​किया जा सका है. इसको लेकर डिप्टी कलेक्टर आंदोलन करने पर उतर गई हैं. वो पूरे जोर शोर से कह रही हैं कि वो भी विधानसभा चुनाव लड़ना चाहती हैं. 


अहम बात यह है कि मध्य प्रदेश प्रशासनिक सेवा की अधिकारी निशा बांगरे एक दिन पहले ही जेल से छूट कर आईं हैं. अब यह अपने सरकारी पद से इस्तीफा देकर चुनावी दंगल में किस्मत आजमाने के मूड में हैं. लेकिन इनके सामने सबसे बड़ी समस्या शिवराज सरकार द्वारा इस्तीफा को अभी तक स्वीकृति नहीं दिये जाने की आ रही है. हालांकि बाँगरे अपने पद से 3 माह पहले ही इस्तीफा दे चुकी हैं. लेकिन एमपी सरकार ने अभी तक उसको स्वीकार नहीं किया है. 


डिप्टी कलेक्टर पदयात्रा कर भोपाल पहुंची थी, हुआ था हंगामा
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने चुनाव लड़ने की मंशा से इस्तीफा दिया था, जिसे सरकार ने मंजूर नहीं किया. इसके बाद उन्होंने इस्तीफा मंजूर कराने को बैतूल के आमला से पदयात्रा शुरु की थी. यह पदयात्रा दो दिन पहले ही प्रदेश की राजधानी भोपाल पहुंची थी जहां बोर्ड ऑफिस चौराहे पर ही पुलिस ने निशा बांगरे को गिरफ्तार कर लिया था और जेल भेज दिया था. निशा बांगरे जेल में भी भूख हड़ताल पर डटी थी.  


निशा बांगरे ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
डिप्टी कलेक्टर निशा बांगरे ने मध्य प्रदेश सरकार के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. इस मामले पर कल गुुरुवार को सुनवाई होगी. निशा चुनाव लड़ने के पूरे मूड में हैं और वो इससे पीछे नहीं हटेंगी. 
 
30 साल तक सरकारी सेवा में रहे राजीव शर्मा  
शहडोल संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा ने हाल ही में 30 साल की सरकारी सेवा को अलविदा कह दिया था. आईएएस अधिकारी राजीव शर्मा भिंड जिले के रहने वाले हैं और अब अपने इलाके में जनसेवा करना चाहते हैं. इसलिये वो चुनावी मैदान में उतरना चाहते हैं. लेकिन राजीव शर्मा किस पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे, इसको लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई.  


'आईएएस अफसरों के राजनीति में आने के कई उदाहरण'
पूर्व आईएएस अधिकारी राजीव शर्मा का कहना है कि मध्य प्रदेश में आईएएस अफसरों के राजनीति में आने के कई उदाहरण हैं. 


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