Madhya Pradesh Assembly Election 2023: लोकसभा चुनाव से पहले कई राज्यों में विधानसभा के चुनाव होने हैं. इन चुनावों को लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल भी माना जा रहा है. इनमें मध्य प्रदेश भी शामिल है जहां इसी साल के अंत तक इलेक्शन होने हैं. बीजेपी (BJP) ने गुरुवार को एमपी के लिए अपने 39 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी करते हुए चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले ही बिगुल फूंक दिया है. वहीं कांग्रेस (Congress) ने मध्य प्रदेश जीतने के लिए कर्नाटक मॉडल को लागू करना शुरू कर दिया है


कांग्रेस ने कर्नाटक में जिस अंदाज में भ्रष्टाचार के खिलाफ एग्रेसिव कैंपेन चलाया था, कुछ उसी अंदाज में मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस कैंपेन चला रही है. इतना ही नहीं कांग्रेस ने कर्नाटक में चुनाव प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला को भी मध्य प्रदेश में उतार दिया है. 


मध्य प्रदेश में कांग्रेस की खास तैयारी


सितंबर 2022 में कर्नाटक के चुनाव संग्राम में कांग्रेस ने ऐसे ही पेसीएम कैंपेन चलाया था. तब निशाने पर कर्नाटक में बीजेपी सरकार के सीएम बसवराज बोम्मई थे और पार्टी ने उनपर 40 प्रतिशत कमीशन का आरोप लगाया था. इन आरोपों ने कर्नाटक में ऐसा सत्ता विरोधी माहौल बनाया कि चुनाव में कांग्रेस ने जीत दर्ज कर ली. अब कांग्रेस ने पेसीएम की जगह मामाटो (MAMATO) कैंपेन चलाया है और बसवराज बोम्मई की जगह शिवराज सिंह चौहान हैं और मुद्दा वही भ्रष्टाचार का है. 


कमलनाथ का शिवराज सिंह पर निशाना


मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा कि प्रचार, भ्रष्टाचार और अत्याचार मध्य प्रदेश की पहचान बन चुके हैं. शिवराज ठगराज बन गये हैं. व्यपारियों को, युवाओं को सबको ठगा है. कमलनाथ ने कहा कि मैं पूछता हूं कि मैं भ्रष्टाचार के बारे में क्या बताऊं तो लोग बोलते हैं कि पैेसे दो काम लो. जहां भी जाता हूं तो हर जगह तरह-तरह की बातें सुनने को मिलती हैं.  


कर्नाटक मॉडल के सहारे जीत का भरोसा


मध्य प्रदेश जीतने के लिए कांग्रेस ने उसी मॉडल को चुना है जिस मॉडल के भरोसे उसने कर्नाटक में सरकार बनाई है. कर्नाटक के तर्ज पर मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस भ्रष्टाचार को मुद्दा बना रही है. कर्नाटक की तरह मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस मतदाताओं को गारंटी देने की तैयारी में है. यहां भी कांग्रेस सॉफ्ट हिन्दुत्व की राह पर है. जैसे कर्नाटक में कांग्रेस के नेता मठों का दौरा कर खुद को हिन्दुत्व का हिमायती बताया था वैसे ही मध्य प्रदेश में भी कांग्रेस नेता खुद को हिन्दुत्व का हिमायती बता रहे हैं.  


सॉफ्ट हिन्दुत्व की राह पर भी कांग्रेस


हाल ही में बागेश्वर धाम वाले धीरेंद्र शास्त्री के कार्यक्रम में शिरकत करने के बाद पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा था कि देश में 82 प्रतिशत हिन्दू तो हैं ही है, जिस देश में इतनी बड़ी परसेंटेज में हिंदू हों वहां कोई बहस की क्या बात है? 82 प्रतिशत भारत में हिन्दू हैं तो हम कहें कि ये हिन्दू राष्ट्र है, ये कहने की क्या आवश्यकता है? ये तो आंकड़े बताते हैं. 


कांग्रेस के एक और दिग्गज नेता और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने कहा कि हम बजरंग दल पर बैन नहीं लगाएंगे. उनमें कुछ अच्छे लोग भी हैं. बजरंग दल में जो भी गुंडा तत्व है, दंगे फसाद करवाते हैं उनके खिलाफ कार्यवाई करेंगे. 


शिवराज सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार वाली चार्जशीट 


मध्य प्रदेश में बीजेपी ने अपने 39 उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. इस घोषणा के 15 घंटे बाद ही कमलनाथ ने शिवराज सरकार के खिलाफ कर्नाटक पैटर्न पर भ्रष्टाचार वाली चार्जशीट जारी कर दी. जिसमें पोषण आहार घोटाला, मिड-डे मील घोटाला, आंगनवाड़ी नल जल घोटाला, गणवेश घोटाला, नर्सिंग घोटाला, व्यापम घोटाला, कौशल घोटाला, पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाला जैसे तमाम घोटालों का जिक्र है. कर्नाटक की तर्ज पर ही मध्य प्रदेश में भी इन घोटालों के लिए सीएम शिवराज को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. 


रणदीप सिंह सुरजेवाला को दी गई जिम्मेदारी


मध्य प्रदेश में कांग्रेस करप्शन और सॉफ्ट हिन्दुत्व जैसे मुद्दे ही कर्नाटक से नहीं लाई है. कर्नाटक में कांग्रेस को जीत दिलाने वाली टीम में शामिल रहे रणदीप सिंह सुरजेवाला को कर्नाटक के बाद मध्य प्रदेश का अतिरिक्त प्रभारी बनाया गया है.


सुरजेवाला की नियुक्ति से कांग्रेस को चुनावी रणनीति में बढ़त की उम्मीद है, वहीं बीजेपी को इससे एक मुद्दा मिल गया है. दरअसल, हाल ही में सुरजेवाला ने कहा था कि बीजेपी को वोट और सपोर्ट करने वाले लोग राक्षस प्रवृत्ति के हैं. 


बीजेपी का कांग्रेस पर निशाना


इसपर मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि जो जनता हमारे लिए देवतुल्य, जिसे हम भगवान मानते हैं, उस जनता को कुछ लोग 'राक्षस' कहते और मानते हों. अगर वैसे लोग मध्य प्रदेश के प्रभारी बनेंगे तो मध्य प्रदेश की जनता ऐसे लोगों को कड़ा जवाब देगी. 


शिवराज सिंह चौहान का जीत का दावा


मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कांग्रेस कहती थी कि एक साल पहले उम्मीदवार घोषित करेंगे, हमने कर भी दिया. युद्ध स्तर पर तैयारी हो रही है. एक बार फिर अमित शाह भोपाल आने वाले हैं. हमारी यात्राएं प्रारम्भ होने वाली है. हम भारी बहुमत से सरकार बनायेंगे. चौबीस में 29 की 29 सीटें बीजेपी जीतेगी. 


क्या कांग्रेस को मिलेगी कामयाबी?


मध्य प्रदेश में 2018 में 15 साल के वनवास के बाद कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई थी, लेकिन ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद मार्च 2020 में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी. कर्नाटक में भी कुछ ऐसा ही हुआ था, लेकिन इस बार चुनाव में कर्नाटक में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई. कर्नाटक मॉडल के रास्ते कांग्रेस को वैसी ही उम्मीद अब मध्य प्रदेश में भी दिख रही है. 


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