Kerala CM Daughter Case: केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन की बेटी के खिलाफ एक कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है. इस मामले को लेकर अब सियासत तेज हो गई है, विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने इसे लेकर सीएम विजयन और विपक्ष पर सवाल उठाए हैं. उन्होंन कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि इस मामले को उसने विधानसभा में नहीं उठाने का फैसला किया है, जो कांग्रेस और सीपीएम के बीच छिपे हुए समझौते को दिखाता है. उन्होंने आरोप लगाया कि ये दल जनता को बेवकूफ बनाने का काम कर रहे हैं. 


'कांग्रेस-सीपीएम की मिलीभगत'
विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने कहा, “सीएम (केरल) की बेटी के खिलाफ एक कंपनी से रिश्वत लेने का आरोप सामने आए 24 घंटे से अधिक समय हो गया है, उधर केरल विधानसभा का सत्र चल रहा है, लेकिन कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में नहीं उठाने का फैसला किया है. केरल में कांग्रेस और सीपीएम को एक-दूसरे के खिलाफ लड़कर केरल के नागरिकों को बेवकूफ बनाना बंद करना चाहिए. ये लोगों के सामने बोलते हैं कि हम सरकार के खिलाफ हैं और कम्युनिस्ट सरकार को एक्सपोज करेंगे, लेकिन ये सब एक साथ हैं. 


केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने कहा कि मैं उनसे पुथुपल्ली के घोषित उपचुनाव में एक उम्मीदवार उतारने की अपील करूंगा, जो सीट पूर्व मुख्यमंत्री के निधन के बाद खाली हुई है. वैसे भी केरल के बाहर सीपीएम और कांग्रेस INDIA गठबंधन में एक साथ हैं. इसे केरल तक विस्तारित करना चाहिए. 


क्या है पूरा मामला?
दरअसल मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की बेटी पर आरोप है कि वो 1.7 करोड़ रुपये के संदिग्ध वित्तीय लेनदेन में शामिल थीं. आरोप लगाया गया है कि सीएम विजयन की बेटी टी वीणा को कोच्चि स्थित एक निजी कंपनी ने तीन साल नौकरी करने के लिए पैसे दिए, जबकि उन्होंने उस कंपनी को कोई सेवा नहीं दी थी. आयकर विभाग की जांच के बाद ये मामला सामने आया. हालांकि केंद्रीय मंत्री के बयान के उलट कांग्रेस ने इस मामले में लगाए गए आरोपों की न्यायिक जांच की मांग की है.


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