नई दिल्ली: भारत में लगातार कोरोना के मामले बढ़ रहे है. वहीं इस महामारी से लड़ने और इसके लिए बेहतर स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करने में केंद्र सरकार ने कई कदम उठाए. जिसमें कोविड डेडीकेटेड हॉस्पिटल, हेल्थ केयर सेंटर जैसी व्यवस्था के अलावा कई मेडिकल इक्विपमेंट राज्य और केंद्र शासित राज्यों को दिए गए.


11 मार्च 2020 के बाद से, केंद्र सरकार ने राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय संस्थानों को 3.04 करोड़ से अधिक N95 मास्क और 1.28 करोड़ से अधिक पीपीई किट दिए हैं. साथ ही, 10.83 करोड़ से अधिक हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) टैबलेट उन्हें वितरित किए गए हैं. इसके अलावा 22533 'मेक इन इंडिया' वेंटिलेटर विभिन्न राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्रीय संस्थानों में दिए गए हैं.


COVID-19 सुविधाओं को बढ़ाने के साथ-साथ, केंद्र सरकार अपने प्रयासों के पूरक के लिए राज्य / केंद्रशासित प्रदेशों को मुफ्त में चिकित्सा आपूर्ति प्रदान कर रही है. भारत सरकार द्वारा आपूर्ति किए जाने वाले ज्यादातर उत्पाद शुरुआत में देश में निर्मित नहीं किए जा रहे थे. महामारी के कारण बढ़ती वैश्विक मांग के कारण विदेशी बाजारों में उनकी कमी हुई.


केंद्र सरकार द्वारा की गई ज्यादातर आपूर्ति घरेलू रूप से बनाई गई


इसके बाद स्वास्थ्य, कपड़ा मंत्रालय, फार्मास्यूटिकल्स मंत्रालय, डिपार्टमेंट फॉर प्रोमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (DPIIT), रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) और अन्य, घरेलू उद्योग के संयुक्त प्रयासों से इस अवधि के दौरान आवश्यक चिकित्सा उपकरणों जैसे पीपीई किट, एन 95 मास्क, वेंटिलेटर इत्यादि के निर्माण और आपूर्ति के लिए प्रोत्साहित किया गया है. परिणामस्वरूप आत्मानिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पर जोर दिया गया और केंद्र सरकार द्वारा की गई ज्यादातर आपूर्ति घरेलू रूप से बनाई गई.


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