Pooja Singal Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जेल में बंद झारखंड की आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल (Pooja Singhal) की 82.77 करोड़ रुपये मूल्य की संपत्ति धनशोधन रोकथाम कानून के तहत कुर्क की है. इन संपत्ति में एक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल, एक डायग्नोस्टिक सेंटर और रांची में दो भूखंड शामिल हैं. ईडी ने धन शोधन रोकथाम कानून (PMLA) के तहत एक अनंतिम आदेश जारी किया है.


पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, पूजा सिंघल 2000 बैच की भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) की अधिकारी हैं और उन्हें मनरेगा योजना में कथित अनियमितताओं से जुड़े धनशोधन के आरोप में 11 मई को प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार किया था. एजेंसी ने उनके परिसरों के अलावा उनके कारोबारी पति और एक चार्टर्ड एकाउंटेंट के यहां भी छापे मारे थे. इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया था और वह फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं.


अब तक की जांच में क्या मिला?


सिंघल और अन्य के खिलाफ धनशोधन का मामला झारखंड पुलिस और सतर्कता ब्यूरो की प्राथमिकी (FIR) पर आधारित है. ईडी के अनुसार "जांच में पाया गया कि मनरेगा घोटाले में अपराध की आय पूजा सिंघल और उनके रिश्तेदारों के विभिन्न बैंक खातों में जमा की गई थी... पूजा सिंघल ने अपनी आय के ज्ञात स्रोत से काफी अधिक संपत्ति अर्जित की और इन अचल संपत्तियों में निवेश किए गए धन का स्रोत मुख्य रूप से अपराध से हुई आय से संबंधित था." 


सिंघल 2009-2010 में खूंटी की उपायुक्त थीं. इंडियन एक्सप्रेस ने ईडी सूत्रों के हवाले से कहा कि 2007-2013 के दौरान उनके खिलाफ अनियमितताओं के कई आरोप थे. ईडी ने अदालत को बताया खा कि विभिन्न वित्तीय वर्षों में जमा की गई नकदी वेतन से अधिक थी. ईडी ने कोर्ट को बताया, "पूजा सिंघल और अभिषेक झा के (बैंक) खातों में इस अवधि के दौरान 1.43 करोड़ रुपये की बड़ी नकदी जमा है."


मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में सोरेन से भी हुई है पूछताछ


ईडी राज्य में कथित अवैध खनन में धनशोधन के एक अन्य मामले में भी नौकरशाह की भूमिका की जांच कर रहा है. एजेंसी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के एक राजनीतिक सहयोगी और दो अन्य को खनन मामले में गिरफ्तार किया है तथा सोरेन से पूछताछ की है.


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