चिदंबरम ने कहा, "नोटबंदी एक बेवकूफाना निर्णय था. माल एवं सेवाकर (जीएसटी) एक अच्छा विचार था. मैं जब वित्त मंत्री था तो 2006 में मैंने इसका प्रस्ताव रखा था. हालांकि, बीजेपी तब विपक्ष में थी और उसने आठ साल तक इसका विरोध किया. साल 2014 में जब वह सत्ता में आई तो उसने जीएसटी को गलत तरीके से पेश किया."
पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि एनडीए सरकार में जीएसटी 'गब्बर सिंह टैक्स' बन गया है. उन्होंने 'बैंकिंग संकट' से निपटने में सरकार को पूरी तरह 'नाकाम' बताया.
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