Modi Cabinet Reshuffle: माना जा रहा है कि बुधवार यानी 7 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार होगा, जिसमें 20 से ज्यादा नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं. इसमें उत्तर प्रदेश को सबसे ज्यादा जगह मिलने की उम्मीद है. किस-किस को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट में शामिल होने का मौका मिलेगा, इसको लेकर अब तस्वीरें साफ होने लगी है. जानिए कैबिनेट विस्तार में कितने पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व उप मुख्यमंत्रियों को जगह मिल सकती है.


पूर्व मुख्यमंत्री-



  • महाराष्ट्र से शिवसेना से बीजेपी में आए पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे.

  • असम से पूर्व मुख्यमंत्री सरवानंद सोनोवाल.


पूर्व उप मुख्यमंत्री



  • बिहार से बीजेपी से सुशील मोदी. पूर्व उप मुख्यमंत्री रह चुके हैं.


बिहार से चौंकाने वाला नाम


सबसे ज्यादा चौंकाने वाला नाम बिहार से पशुपति पारस का संभावितों में होना है. एलजेपी में पारस और चिराग गुट के वर्चस्व की जंग में शायद पांच सांसदों की ताकत रखने वाले पारस आगे निकलने में सफल हो रहे हैं. इस खबर ने दिल्ली से लेकर पटना तक वाया हाजीपुर हलचल मचा दी है.


किस-किस को शपथ लेने का मौका मिल सकता है-


यूपी- चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में तीन से चार मंत्री शामिल किए जा सकते हैं. जिसमें अपना दल से अनुप्रिया पटेल को जगह मिल सकती है.


बिहार- जेडीयू से आरसीपी सिंह, संतोष कुशवाहा या ललन सिंह में किसी एक को मौका मिल सकता है.


एमपी- मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम पक्का माना जा रहा है.


एमपी- मध्य प्रदेश बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और जबलपुर के सांसद राकेश सिंह का नाम भी आ रहा है


महाराष्ट्र- कांग्रेस से बीजेपी में आए रणजीत नाइक निम्बलकर और हिना गावित का नाम हो सकता है. हिना गावित के पिता विजय कुमार एनसीपी में थे और मंत्री रहे हैं.


असम और पश्चिम बंगाल


पूरब की तरफ बढ़ें तो यहां असम और पश्चिम बंगाल पर निगाहें टिकी हैं. वहीं सहयोगी एजीपी से भी कोई मंत्री बन सकता है. पश्चिम बंगाल में मतुआ समुदाय के शान्तनु ठाकुर. वहीं अनुसूचित जाति में असर रखने वाले निशीथ प्रामाणिक को मंत्री पद मिल सकता है.


लद्दाख ओडिशा और जम्मू कश्मीर


माना जा रहा है कि लद्दाख से बीजेपी सांसद जाम्यांग शेरिंग नाम्ग्याल मंत्री बन सकते हैं. इनके अलावा ओडिशा से लेकर राजस्थान और जम्मू कश्मीर तक एक दो मंत्री बनाने की बात है. अब सबकी निगाहें राष्ट्रपति भवन पर लगी हैं कि वहां से किसको सरकार में शामिल होने का बुलावा आता है और इंतजार अभी लंबा चलता है.


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