नई दिल्लीः देश में कोरोना संक्रमण के आंकड़े जितनी तेजी से बढ़ रहे हैं उतनी ही तेजी रोजगार के मामलों में गिरावट भी देखी जा रही है. इस बार कोरोना संक्रमण के कारण रोजगार क्षेत्र में पड़ी मार ग्रामीण इलाकों में देखने को मिल रही है. एक रिपोर्ट के अनुसार इस बात का खुलासा हुआ है कि कोरोना वायरस के कारण एक साल के अंदर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत मिलने वाले रोजगार में 48 फीसदी की गिरावट देखी गई है.


कोरोना संक्रमण के कारण घटा रोजगार


रिपोर्ट में बताया गया है कि बीते साल 2020 में मनरेगा के तहत तकरीबन 50.83 करोड़ लोगों के हाथों को रोजगार दिया गया था. जो इस बार तकरीबन आधा घटकर 26.38 करोड़ ही रह गया है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ऐसा कोरोना वायरस संक्रमण के कारण हुआ है.


काम की मांग में 26 फीसदी की आई गिरावट


जेएनयू के प्रोफेसर हिमांशु की रिपोर्ट के अनुसार बीते साल की तुलना में इस साल कोरोना वायरस संक्रमण तेजी से ग्रामीण इलाकों में अपनी पहुंच बनाने में कामयाब रहा. जिसके कारण ग्रामीण इलाकों में काम की मांग में 26 फीसदी की बड़ी गिरावट देखी गई. हिमांशु की रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि बीते साल बड़ी संख्या में गांव आने वाले मजदूरों ने इस साल फिर से शहरों का रुख किया जिसके कारण मनरेगा के तहत काम की मांग में कमी देखने को मिली.


वहीं केंद्र सरकार 2021-22 सत्र के लिए ने मनरेगा के लिए 73 हजार करोड़ का बजट तय किया जो बीते सत्र 2020-21 की अपेक्षा 34.52 प्रतिशत कम रहा. केंद्र सरकार ने 2020-21 के लिए मनरेगा को 61 हजार 500 करोड़ की राशी आवंटित की थी जो महामारी आने के बाद बढ़ाकर 1 लाख 11 हजार 500 करोड़ कर दिया था.


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