Waqf Amendment Bill 2024: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को वापस लेने की मांग की. उन्होंने दावा किया कि इस विधेयक से मुसलमानों के हितों को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि संविधान प्रत्येक नागरिक को अपने-अपने धर्म के पालन करने का अधिकार देता है और इसे (अधिकार को) बनाए रखना और उसकी रक्षा करना निर्वाचित सरकारों का कर्तव्य है.
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कही ये बड़ी बात
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने कहा कि वक्फ अधिनियम, 1995 में प्रस्तावित संशोधनों में अल्पसंख्यकों को दी गई संवैधानिक सुरक्षा को ध्यान में नहीं रखा गया है और इससे ‘‘मुस्लिम समुदाय के हितों को गंभीर नुकसान पहुंचेगा.’’ वे पहले ही वक्फ संशोधन विधेयक का विरोध कर चुके हैं. उन्होंने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से व्यक्तिगत हस्तक्षेप की मांग की और रेखांकित किया कि कुछ दिन पहले तमिलनाडु विधानसभा ने एक प्रस्ताव पारित कर केंद्र से विधेयक वापस लेने का आग्रह किया था.
स्टालिन ने किया ये बड़ा दावा
स्टालिन ने कहा कि मौजूदा वक्फ अधिनियम के प्रावधान समय की कसौटी पर खरे उतरे हैं और वे वक्फ की संपत्तियों को सुरक्षा प्रदान करते हैं. उन्होंने दावा किया कि वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधन वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और संरक्षण में वक्फ बोर्डों की शक्तियों और जिम्मेदारियों को कमजोर कर देंगे. मुख्यमंत्री ने यह दावा भी किया कि मौजूदा अधिनियम में बड़े पैमाने पर प्रस्तावित संशोधन इसकी मूल भावना को कमजोर करेंगे.
लोकसभा में पास हुआ वक्फ बिल 2024
बता दें कि लोकसभा ने बुधवार को विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्यों के कड़े विरोध के बीच और साढ़े 10 घंटे से अधिक समय तक चर्चा के बाद देर रात करीब दो बजे वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 और मुसलमान वक्फ (निरसन) विधेयक, 2024 को पारित कर दिया.
किरेन रीजीजू ने दी ये दलील
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रीजीजू ने सदन में वक्फ संशोधन विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए सरकार के इस कदम को मुस्लिम विरोधी बताने के कई विपक्षी सदस्यों के दावों को खारिज करते हुए कहा कि इस विधेयक को मुसलमानों को बांटने वाला बताया जा रहा है, जबकि सरकार इसके जरिए शिया, सुन्नी समेत समुदाय के सभी वर्गों को एक साथ ला रही है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार तो देश में सबसे छोटे अल्पसंख्यक समुदाय पारसी को भी बचाने के लिए प्रयास कर रही है.
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