तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रविड़ मुन्नेत्र कझगम (DMK) के अध्यक्ष एम के स्टालिन ने हाल ही में दक्षिण भारतीय राज्यों को एकजुट करने का आह्वान किया है. उनका कहना है कि आज के समय में जब हिंदी थोपने की कोशिशें हो रही हैं और परिसीमन जैसी राजनीतिक गतिविधियां बढ़ रही हैं, तब दक्षिण भारतीय राज्यों के बीच एकता पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गई है.
उनका यह बयान खासतौर पर उगादि जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर आया, जब उन्होंने तेलुगु और कन्नड़ भाषी समुदायों को बधाई दी और एकता की आवश्यकता को और भी जोर देकर बताया.
एकजुटता केवल भाषा और पहचान का मुद्दा नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि दक्षिण भारत की एकजुटता केवल भाषा और पहचान के मुद्दे तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे अधिकारों की रक्षा और सांस्कृतिक संरक्षण के लिए भी जरूरी है. "हिंदी की थोपाई और अन्य राजनीतिक खतरों के बीच हमें एकजुट होकर अपने अधिकारों और पहचान की रक्षा करनी होगी,"
उन्होंने कहा. स्टालिन ने दक्षिण भारत के लोगों को यह याद दिलाया कि यह समय एकजुटता का है, ताकि कोई भी प्रयास हमारे समाज की विविधता और एकता को कमजोर न कर सके.
क्या है उगादी
उगादी एक प्रमुख दक्षिण भारतीय त्योहार है, जिसे खासतौर पर तेलुगु और कन्नड़ भाषी लोग मनाते हैं. यह त्योहार नववर्ष का प्रतीक है और हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह की शुद्ध प्रतिपदा को मनाया जाता है. यह दिन भारतीय संस्कृति में एक नए प्रारंभ के रूप में देखा जाता है, जहां लोग नए साल की शुरुआत खुशी, उमंग और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के साथ करते हैं.
उगादी का पर्व विशेष रूप से तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटका और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में मनाया जाता है. इस दिन लोग अपने घरों को साफ करते हैं, नए कपड़े पहनते हैं, स्वादिष्ट पकवान बनाते हैं, और पारंपरिक धार्मिक अनुष्ठान करते हैं. इसके अलावा, उगादी पर उगादी पखवाड़ा (उगादी पेड़) में विशेष रूप से उगादी चुटनी, जिसे 'उगादी पचड़ी' कहा जाता है, बनाई जाती है. यह चुटनी विभिन्न स्वादों का मिश्रण होती है जैसे कि मीठा, खट्टा, तीखा, कड़वा, और नमकीन, जो जीवन के विभिन्न अनुभवों का प्रतीक मानी जाती है.
यह दिन नए शुरुआत और आत्मविकास के लिए भी एक शुभ दिन माना जाता है, और लोग इस दिन को खुशी और समृद्धि के रूप में मनाते हैं.
ATM निकासी शुल्क पर आरबीआई के फैसले पर तीखा प्रहार
इसके अलावा, स्टालिन ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा एटीएम निकासी पर लगाए गए शुल्क के फैसले पर भी अपनी चिंता व्यक्त की. हाल ही में आरबीआई ने बैंकों को यह अधिकार दिया है कि वे मासिक सीमा से अधिक एटीएम निकासी पर 23 रुपये तक का शुल्क ले सकते हैं. मुख्यमंत्री ने इस निर्णय को गरीबों के लिए आर्थिक कठिनाई बढ़ाने वाला बताया. उनका मानना है कि यह कदम गरीबों और निम्न वर्ग के लिए नुकसानदायक हो सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से वित्तीय समस्याओं से जूझ रहे हैं.