नई दिल्ली: भारत का उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकी विकसित करने में देश की बढ़ती क्षमताओं को दर्शाता है और यह कवच के तौर पर काम करेगा. यह बात बुधवार को डीआरडीओ के अध्यक्ष जी. सतीश रेड्डी ने कही. रेड्डी ने कहा कि परियोजना के लिए मंजूरी करीब दो साल पहले दी गई थी. अंतरिक्ष में भारत द्वारा उपग्रह को मार गिराए जाने के बाद उन्होंने कहा, ''भारत के लिए यह बड़ी उपलब्धि है.'' इससे देश अंतरिक्ष शक्तियों के चुनिंदा समूह में शामिल हो गया है.

रेड्डी ने कहा कि परीक्षण के लिए उपयोग की गई प्रौद्योगिकी पूरी तरह स्वदेश में विकसित है. उपग्रह को मिसाइल से मार गिराया जाना दर्शाता है कि ''हम ऐसी तकनीक विकसित करने में सक्षम हैं जो सटीक दक्षता हासिल कर सकता है.''

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) के प्रमुख ने कहा, ''उपग्रह भेदी मिसाइल परीक्षण से हमारी क्षमता का पता चलता है और यह कवच के तौर पर काम करेगा.'' उन्होंने कहा कि परियोजना को काफी तेजी से लागू किया गया और इस तरह के कार्यक्रम लागू करने में यह डीआरडीओ की क्षमता को दर्शाता है.

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