नई दिल्ली: कांग्रेस ने केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी स्मार्ट सिटी परियोजना को अपर्याप्त राशि जारी किये जाने के कारण 'फ्लॉप' बताया है. कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र काशी को भी स्मार्ट सिटी बनाने के लिये महज आठ फीसदी राशि जारी की है. कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बुधवार को सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत प्राप्त जानकारी के आधार पर कहा कि देश में 100 स्मार्ट शहर बनाने की इस योजना पर मोदी सरकार ने पांच साल में मात्र सात फीसदी राशि जारी की है. इस हिसाब से इस परियोजना को पूरा होने में 52 साल लगेंगे.
मोदी ने काशी का हक छीना है- सुरजेवाला सुरजेवाला ने प्रधानमंत्री मोदी पर अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ भी इस योजना में न्याय नहीं कर पाने का आरोप लगाते हुये कहा, ''काशी को क्योटो बनाने का दावा करने वाले मोदी जी ने वाराणसी स्मार्ट सिटी मिशन के लिये महज 8.63 फीसदी राशि जारी कर काशी का हक छीना है.''
सुरजेवाला ने आरटीआई में आवास और शहरी विकास मामलों के मंत्रालय से मिली जानकारी के आधार पर कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन को लेकर सरकार की वित्तीय उपेक्षा के कारण इस योजना ने पांच साल में दम तोड़ दिया. उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए सरकार को 2.7 लाख करोड़ रुपये से अधिक राशि जारी करनी थी लेकिन सिर्फ सात फीसदी राशि (14882 करोड़ रुपये) ही जारी की गयी.
सरकार को परियोजना की मौजूदा स्थिति की जानकारी नहीं- कांग्रेस कांग्रेस के प्रवक्ता ने कहा कि सरकार को खुद स्मार्ट सिटी परियोजना की मौजूदा स्थिति की जानकारी नहीं है. मंत्रालय ने अपने जवाब में खुद यह स्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि काशी के अलावा दिल्ली, मुंबई, गाजियाबाद सहित तमाम प्रमुख शहरों के साथ सरकार ने इस योजना में अन्याय किया. दिल्ली को लगभग दो हजार करोड़ रुपये की जगह मात्र 196 करोड़ रुपये मिले.
कांग्रेस नेता ने कहा, ''इससे स्पष्ट है कि स्मार्ट सिटी मिशन भी मोदी सरकार का नया जुमला साबित हुआ है. इस सरकार के लिये शहर बसाने और घर बनाने के बजाय जुमला बनाना आसान रहा.''
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