नई दिल्ली: भारत समेत दुनिया भर के सिख समुदाय की तरफ से उठी नाराज़गी के बाद पाकिस्तान में पवित्र गुरूद्वरा पंजा साहिब के ग्रन्थी परमजीत सिंह की लापता बेटी मनमीत कौर (बुलबुल) वापस तो मिल गई. लेकिन परिवार से मिलने के बावजूद अपने घर नहीं लौट पाई. उसे धर्मांतरण कानून के प्रावधानों के तहत आश्रय गृह भेज दिया गया.


महज़ 17 बरस की सिख लड़की बुलबुल को पंजाब में रावलपिंडी के अटाल जिले में अपने घर के नज़दीक से अगवा किया गया था. अपहरण के बाद कथित रूप से इस्लाम में परिवर्तित कर दिया गया और जबरदस्ती एक स्थानीय मुस्लिम से शादी कर दी गईं.


अगस्त 31 को लापता बुलबुल की तलाश में परिवार परेशान होता रहा, मगर उनके गुहार की कोई सुनवाई नहीं हुई. हालांकि इस मामले पर भारत की तरफ से बनाए गए दबाव और दुनियाभर में सिख समाज की तरफ से आई नाराज़गी के बाद अंतरराष्ट्रीय किरकिरी को लेकर घबराई पाकिस्तान की सुरक्षा एजेंसियों व पुलिस ने 21 दिन बाद उसे रहस्यमय तरीके से ढूंढ निकाला. हालांकि रावलपिंडी के एटोक इलाके में पुलिस थाने में परिवार और बुलबुल को मिलाया तो गया, लेकिन ग्रन्थी परमजीत की यह बेटी घर नहीं रुक सकी. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, बुलबुल को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार दार उल अमान (आश्रय गृह) भेज दिया गया.


ऐसे में आशंका और सवाल अब भी बाकी हैं कि बुलबुल को अपनी मर्जी से पैतृक घर जाने की इजाजत मिलती है या फिर जबरन निकाह कर बनाए गए पति के साथ रहने की बंदिश उसपर थोपी जाती है.


पिछले दिनों पाकिस्तान ने जगजीत कौर के मामले में भी ऐसा ही किया था, जिसे महीनों तक दार उल अमान में रखा गया था. लेकिन बाद में अदालती कार्यवाही के बाद उसे जबरन बनाए गए पति के साथ ही जाना पड़ा.