केंद्रीय गृह मंत्रालय ने गुरुवार को जम्मू और कश्मीर में विलेज डिफेंस ग्रुप के गठन को मंजूरी दे दी है. विलेज डिफेंस ग्रुप के सदस्यों को विलेज डिफेंस गार्ड के रूप में नामित किया जाएगा. VI श्रेणी के व्यक्ति जो वीडीजी का नेतृत्व/समन्वय करेंगे, उन्होंने हर महीने 4500 रुपये का  दिया जाएगा. अन्य व्यक्ति (V2 श्रेणी) जो स्वैच्छिक आधार पर इन VDGs के सदस्य हैं, उन्हें एक समान दर से हर महीने 4000 रुपये दिया जाएगा.  वीडीजी संबंधित जिले के एसपी/एसएसपी के निर्देशन में कार्य करेंगे. 


बता दें कि जम्मू कश्मीर के बीजेपी नेताओं ने गृह मंत्री अमित शाह से विलेज डिफेंस कमेटियों के पुनर्गठन की मांग की थी, जिसके बाद गृह मंत्रालय ने बुधवार को जम्मू और कश्मीर में विलेज डिफेंस ग्रुप के गठन का आदेश दिया था.






विलेज डिफेंस कमेटी की स्थापना 90 के दशक के मध्य में राज्य द्वारा की गई थी. आत्मरक्षा और आतंकवाद से निपटने के लिए किश्तवाड़, डोडा, रियासी, रामबन, पुंछ और राजौरी सहित जम्मू के अन्य जिलों के लिए इसकी स्थापना की गई थी. हथियारों से लैस यह समूह आतंकवाद से लड़ने में सरकारी बलों की मदद करता था. हालांकि, जम्मू में आतंकवाद का ग्राफ नीचे आने के बाद वीडीसी के कुछ सदस्य कई आपराधिक मामलों में भी शामिल थे.


2016 में, पीडीपी-बीजेपी गठबंधन की सरकार ने विधानसभा में बताया था कि वीडीसी सदस्यों के खिलाफ 223 मामले दर्ज थे, जिसमें 23 मामले हत्या, 7 केस रेप और 15 मामले हिंसा के दर्ज थे. 


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