नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच तनाव जारी है. इस बीच पूर्वी लद्दाख में हालिया गतिरोध पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने उन बातों की अनदेखी की जिन पर पहले सहमति बनी थी और 31 अगस्त (कल) को उकसावे वाली सैन्य कार्रवाई की. मंत्रालय ने कहा कि चीनी पक्ष ने पैंगोंग सो के दक्षिण तट के क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने का प्रयास किया.


विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में बड़ा आरोप लगाते हुए कहा, ''29 और 30 अगस्त कि रात को चीन पैन्गौन्ग लेक के पास यथा स्थिति बदलने की कोशिश की थी और फिर दोबारा चीन ने 31 अगस्त को एक बार फिर से सीमा पर भारतीय फौज को उकसाने की कोशिश की थी, जबकि दोनों देशों के ग्रुप कमांडरों के बीच बात-चीत चल रही थी.''


विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारतीय पक्ष ने चीन की उकसावे वाली कार्रवाई का जवाब दिया और उचित रक्षात्मक कदम उठाए. मंत्रालय ने कहा, ''साल की शुरुआत से ही वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीनी पक्ष का व्यवहार और कार्रवाई स्पष्ट रूप से द्विपक्षीय समझौतों का उल्लंघन है.''


बता दें कि चीनी सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात पूर्वी लद्दाख में उकसावे की कार्रवाई करते हुए पैंगोंग झील के दक्षिण में एकतरफा तरीके से यथास्थिति बदलने की कोशिश की थी. लेकिन भारतीय सैनिकों ने उसे नाकाम कर दिया.


गलवान घाटी में 15 जून को हुई झड़प के बाद यह पहली बड़ी घटना है. गलवान घाटी में हुई झड़प में भारत के 20 सैनिक वीरगति को प्राप्त हो गए थे. इस झड़प में चीन के सैनिक भी मारे गए, लेकिन उसने इस संबंध में अब तक जानकारी साझा नहीं की है. अमेरिका की एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ झड़प में चीन के 35 सैनिक मारे गए थे.


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