New Delhi: विदेश मंत्रालय ने एक संसदीय समिति को सूचित किया है कि भारत की मदद वाली परियोजनाओं को अफगानिस्तान में झटका लगा है और म्यांमार (Myanmar) में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है. मंत्रालय ने कहा कि इन देशों में मौजूदा राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति के कारण ये परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं.


भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद पी.पी चौधरी की अध्यक्षता वाली विदेश मामलों की संसदीय स्थायी समिति ने कहा कि अफगानिस्तान (Afghanistan) को सहायता के आवंटन में कमी की गई है. पिछले सप्ताह संसद में पेश की गई एक कार्यवाही रिपोर्ट में विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने संसदीय समिति की टिप्पणियों का संज्ञान लिया है और उनके निराकरण की दिशा में काम करेगा.


सुरक्षा स्थिति के कारण परियोजनाओं को लगा झटका


अफगानिस्तान के साथ भारत की विकास साझेदारी में इसके 34 प्रांतों और विभिन्न क्षेत्रों में 500 से अधिक परियोजनाएं शामिल हैं. मंत्रालय ने रिपोर्ट में कहा है, "इस संबंध में कई प्रस्ताव पहले से ही अधूरे हैं. अफगानिस्तान में राजनीतिक और सुरक्षा स्थिति के कारण परियोजनाओं के लागू करने में झटका लगा है." 


सूचना प्रौद्योगिकी और कृषि अनुसंधान के कार्य को किया पूरा 


म्यांमार को आवंटन पर संसदीय समिति की टिप्पणियों का जवाब देते हुए मंत्रालय ने कहा कि देश में मौजूदा राजनीतिक हालात के बावजूद, भारत ने इस साल मार्च में सूचना प्रौद्योगिकी और कृषि अनुसंधान (Information Technology and Agricultural Research) पर क्षमता निर्माण कार्य को पूरा किया और सौंप दिया है.


 राजनीतिक स्थिति के कारण कार्य धीमा रहा


कलादान मल्टीमॉडल ट्रांजिट ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट के बारे में मंत्रालय ने कहा कि इसका जलमार्ग वाला काम पूरा हो गया है. वहीं इसके तहत सड़क संबंधी निर्माण कार्य की गति धीमी रही है. इसमें मुख्य रूप से म्यांमार की ओर सुरक्षा स्थिति और कोविड-19 महामारी के कारण देरी हुई है.


मंत्रालय ने कहा, "म्यांमार में मौजूदा सुरक्षा और राजनीतिक स्थिति को देखते हुए उपरोक्त परियोजनाओं का निमार्ण कार्य धीमा रहा और कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है."


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