ऑपरेशन सिंदूर पर राज्यसभा में एक लिखित जवाब में विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने कहा, "ऑपरेशन सिंदूर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवादी हमले का जवाब देने के लिए शुरू किया गया था. इसका उद्देश्य आतंकवादी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना और भारत में भेजे जाने वाले आतंकवादियों को बेअसर करना था. भारत की कार्रवाई केंद्रित, नपी-तुली और गैर-बढ़ाने वाली थी. हालांकि, पाकिस्तान ने कुछ सैन्य सुविधाओं के अलावा, भारतीय नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाने का प्रयास किया.''
विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने आगे लिखा कि पाकिस्तान की तरफ से की गई इन उकसावे और बढ़ाने वाली कार्रवाइयों का भारतीय सशस्त्र बलों ने एक मजबूत और निर्णायक प्रतिक्रिया के साथ सामना किया, जिससे पाकिस्तानी सेना को काफी नुकसान हुआ. इसके बाद, 10 मई 2025 को, पाकिस्तान के सैन्य संचालन महानिदेशक ने अपने भारतीय समकक्ष से गोलीबारी और सैन्य गतिविधियों को रोकने का अनुरोध किया, जिस पर उसी दिन बाद में सहमति हो गई.
पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूरपाकिस्तानी आतंकवादियों ने 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में टूरिस्टों को निशाना बनाया था. उस हमले में कुल 26 लोगों की मौत हो गई थी. इसके बाद भारत ने 6-7 मई की रात पाकिस्तानी और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में स्थित आतंकी ठिकानों को ऑपरेशन सिंदूर के तहत निशाना बनाया था. उस ऑपरेशन में 100 आतंकियों की मौत हो गई थी. इस वजह से पाकिस्तान बौखला गया और सीमा पार से सीजफायर का उल्लंघन करते हुए ताबड़तोड़ गोलीबारी करनी शुरू कर दी. कई मासूम नागरिकों की मौत हो गई, जिसके जवाब में भारत ने कार्रवाई करते हुए हमला तेज कर दिया और पाकिस्तान के कई एयरबेस को तबाह कर दिया. इसके अलावा भारतीय सेना के हमले में पाकिस्तानी एयर डिफेंस सिस्टम भी खत्म हो गया. ऐसा देखकर पाकिस्तानी सेना डर गई और तुरंत भारत से अनुरोध किया कि हमले को रोक दे.
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