Defense News: भारतीय सेना में महिला अधिकारियों ने ऑपरेशनल यूनिट कमांड करने की दिशा में एक ऐतिहासिक मील का पत्थर पार कर लिया है. सेना की छह महिला अधिकारियों ने डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कोर्स के दाखिले की प्रवेश-परीक्षा पास कर ली. इस कोर्स को पूरा करने वाले अधिकारियों को ही कर्नल रैंक के लिए योग्य माना जाता है और कमांडिंग ऑफिसर यानी सीओ पद तक पहुंचा जा सकता है. 


तमिलनाडु के वेलिंगटन में रक्षा मंत्रालय का स्टाफ कॉलेज है, जहां सेना के तीनों अंगों के अधिकारी (लेफ्टिनेंट कर्नल और उसके समकक्ष) स्टाफ कोर्स करते हैं. एक साल के इस कोर्स को सफलता पूर्वक करने के बाद ही लेफ्टिनेंट कर्नल रैंक के अधिकारी कर्नल बनते हैं और सीओ बनने के लिए पर्याप्त महत्व दिया जाता है. स्टाफ कॉलेज का आदर्श वाक्य है 'युद्धम् प्रज्ञा' यानि बुद्धि से युद्ध लड़ो. 


1500 से सैन्य अफसरों ने लिया था हिस्सा 


जानकारी के मुताबिक, इस साल भारतीय सेना के 1500 से ज्यादा सैन्य अफसरों ने स्टाफ कॉलेज की परीक्षा में हिस्सा लिया था. पहली बार 22 महिला अधिकारियों ने भी परीक्षा में हिस्सा लिया और छह महिलाओं ने क्वालीफाई भी कर लिया. ये सभी 22 महिला अधिकारी सेना की सर्विस कोर, एयर डिफेंस, ऑर्डनेंस कोर, सिग्नल कोर, इंटेलीजेंस कोर, ईएमई और कोर ऑफ इंजीनियर्स से ताल्लुक रखती हैं. इन सभी महिला अधिकारियों को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सेना में परमानेंट कमीशन दिया गया था.


छह महिला अधिकारियों ने पास की परीक्षा


जिन छह महिला अधिकारियों ने स्टाफ कॉलेज की परीक्षा पास की है उनमें से चार महिला अधिकारी सेना के तीनों अंग यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के योग्य अधिकारियों के साथ एक साल का डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कोर्स करेंगी. जबकि एक महिला अधिकारी वेलिंगटन में ही डिफेंस सर्विसेज टेक्नीकल स्टाफ कोर्स की रिजर्व लिस्ट में है और एक महिला अधिकारी एडमिनिस्ट्रेशन एंड लॉजिस्टिक्स मैनजेमेंट कोर्स (ALMC)-इंटेलीजेंस स्टाफ कोर्स (आईएससी) के लिए चुनी गई है.  प्रवेश परीक्षा पास करने के बाद मेरिट तैयार की जाएगी, जिसमें अधिकारियों का प्रोफाइल और अनुशासन भी शामिल होगा. 


महिला सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम 


अगले एक साल तक स्टाफ कॉलेज में सभी महिला अधिकारियों को सैन्य-ऑपरेशन्स, मिलिट्री इंटेलीजेंस, ऑपरेशन्ल-लॉजिस्टिक्स और स्टाफ नियुक्तियों के प्रशासनिक पहलुओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. भारतीय सेना के मुख्यालय में तैनात एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने स्टाफ कॉलेज में महिलाओं के दाखिले को सशस्त्र सेनाओं में महिला सशक्तिकरण और लिंग-समानता की दिशा में एक बड़ा कदम बताया. 


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