पूरा देश इन दिनों कोरोना की दहशत में जी रहा है. एक ओर कोरोना संक्रमितों की संख्या और मौत के आंकड़ें डरा रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर कोरोना संक्रमण के बढ़ने के कारण देशव्यापी लॉकडाउन का डर भी सता रहा है. ऐसे हालात में देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उद्योग जगत को ये विश्वास दिलाया है कि देशव्यापी लॉकडाउन नहीं लगाया जाएगा.


छोटे कंटेनमेंट जोन बनेंगे, लेकिन देशव्यापी लॉकडाउन नहीं


कोरोना इस दूसरी लहर की भयावहता को देखते हुए देशभर में लॉकडाउन लगाने को लेकर अटकलें काफी तेज हो गई थीं. लॉकडउन को लेकर अनिश्चितता के बढ़ने से श्रमिकों के पलायन की आशंका भी बढ़ती जा रही हैं. कोरोना महामारी के बीच सरकार की नीतियों को लेकर फेडरेशन ऑफ इंडियन स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज (फिस्मे) के अध्यक्ष अनिमेश सक्सेना की केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से फोन पर चर्चा हुई. सक्सेना ने बताया कि फोन पर हुई बातचीत में वित्तमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर लॉकडाउन लगाने की सरकार की कोई योजना नहीं है. वित्त मंत्री ने कहा कि कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए छोटे कंटेनमेंट जोन बनाए जाएंगे, लेकिन देशव्यापी लॉकडाउन नहीं किया जाएगा.


प्रधानमंत्री और गृहमंत्री हालात पर नजर बनाए हुए हैं


वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह सभी राज्यों की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं. राज्यों में ऑक्सीजन और दवाईयों की कमी नहीं होने दी जाएगी. साथ ही वैक्सीनेशन कार्यक्रम भी पूरी तेजी से चलाया जा रहा है. वित्त मंत्री ने फेडरेशन ऑफ इंडियन स्मॉल मीडियम एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष से लघु तथा मध्यम स्तर के उद्योगों के बारे में जानकारी भी ली. फिक्की सहित देशभर के कई उद्योग तथा व्यापार संगठनों ने सरकार से देशव्यापी लॉकडाउन न लगाने की गुजारिश की है.


इनका कहना है कि कोरोना संक्रमण से सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में वैसे ही लॉकडाउन के हालात हैं. इसके अलावा दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भी आंशिक लाकडाउन की स्थिति पैदा हो गई है. ऐसे में देशव्यापी लॉकडाउन देश की अर्थव्यवस्था के लिए बेहद खऱाब साबित होगा.


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