MHA action against Rajiv Gandhi Foundation: केंद्रीय गृह मंत्रालय (MHA) ने रविवार (23 अक्टूबर) को गांधी परिवार (Gandhi Family) से जुड़े राजीव गांधी फाउंडेशन (Rajiv Gandhi Foundation) नाम के गैर सरकारी संगठन (NGO) का विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम, 2010 (FCRA) का लाइसेंस रद्द कर दिया. 


गृह मंत्रालय ने अपनी अंतर-मंत्रालयी जांच समिति की रिपोर्ट के बाद यह कदम उठाया है. राजीव गांधी फाउंडेशन पर गृह मंत्रालय की कार्रवाई को लेकर कांग्रेस प्रवक्ता संदीप दीक्षित ने प्रतिक्रिया दी है. संदीप दीक्षित ने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है और गांधी परिवार और कांग्रेस को निशाने बनाने के लिए की गई है. उन्होंने कहा कि वह इसकी निंदा करते हैं.


क्या कहा संदीप दीक्षित ने?


संदीप दीक्षित ने कहा, ''बीते कुछ वर्षों में कई एनजीओ पर बिना किसी आधार के ऐसी कार्रवाई की गई है. मेरी जानकारी में आरजीएफ को विदेश से कोई खास चंदा मिलता भी नहीं था लेकिन एनजीओ एफसीआरए लाइसेंस लेकर रखते हैं.''


इसी के साथ कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''आरएसएस रजिस्टर्ड संस्था नहीं है, कोई बैंक खाता नहीं है, आरएसएस को कहां से फंडिंग आती है? अपने गिरेबान में झांकेंगे तो केवल कालिख नजर आएगी.'' बता दें कि आरजीएफ पर कार्रवाई को लेकर यह कांग्रेस की आधिकारिक बयान नहीं है. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी कानूनी सलाह लेने के बाद इस मामले में बयान जारी करेगी.


राजीव गांधी फाउंडेशन में कौन-कौन है ट्रस्टी?


जानकारी के मुताबिक, आरजीएफ की अध्यक्ष सोनिया गांधी हैं. एनजीओ के अन्य ट्रस्टियों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, पूर्व पीएम मनमोहन सिंह और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम शामिल हैं. राजीव गांधी फाउंडेशन की स्थापना 1991 में शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान और तकनीकी के आदि क्षेत्रों में लोगों की सहायता करने के लिए किया गया था, जिसे पूर्व पीएम राजीव गांधी के विजन के तहत चलाया जाना था. बताया जाता है कि एनजीओ ने महिलाओं, बच्चों और दिव्यांगों के लिए कई अहम कार्य भी किए. 


ऐसे की गई जांच


गृह मंत्रालय ने राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट विदेश से मिलने वाले चंदे की जांच करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति गठित की थी. इस जांच में मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून, आयकर कानून, विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम आदि के कानूनी प्रावधानों के उल्लंघन की जांच की गई. जांच समिति केंद्रीय गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और सीबीआई के अधिकारी शामिल थे. 


जून 2020 में तत्कालीन कानून मंत्री और बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने राजीव गांधी फाउंडेश पर चीन से 90 लाख रुपये चंदा लेने का आरोप लगाया था. उन्होंने कांग्रेस से चंदे को लेकर जवाब मांगा था.


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