लुमथरी (मेघालय): मेघालय के पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले में एक अवैध कोयला खदान में पानी भरने की घटना में 13 मजदूर फंस गए थे. उन 13 मजदूर को एक दिन बाद भी निकाला नहीं जा सका है. उन्हें यहां से बाहर निकालने की कोशिश बृहस्पतिवार से ही जारी है लेकिन अभी तक इसमें किसी भी तरह की सफलता हाथ नहीं लगी है. अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार की सुबह इस घटना के सामने आने के बाद से ही शाम चार बजे एक पंप लगाया गया और यह हर तीन घंटे पर इसे आराम देने के लिए बंद किया जा रहा है.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के 60 से अधिक सदस्यों वाले दो दल शुक्रवार की सुबह पहुंचे थे जबकि, राज्य आपदा मोचन बल के 12 सदस्य पहले से ही घटनास्थल पर मौजूद हैं.
इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए राज्य के मुख्यमंत्री कॉरनार्ड के संगमा ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और राज्य पुलिस मजदूरों के जीवन को बचाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर रही हैं. उन्होंने आगे कहा, "हमें पता है कि वहां पर अवैध गतिविधियां चल रही हैं. उन पर उचित समय पर कार्रवाई की जाएगी. अभी ज्यादा महत्तवपूर्ण उन मजदूरों की जान बचाना है जिसके लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा मैं लगातारा वहां के डिप्टी कमिश्नर और एसपी के संपर्क में हूं."
पुलिस उपमहानिरीक्षक (पूर्वी क्षेत्र) ए आर माथोह ने कहा, "हम खदान से पानी बाहर निकालने की कोशिश में हैं जो कि 370 फुट गहरी है. एनडीआरएफ के मुताबिक, पानी का स्तर 70 फुट है." पूर्वी जयंतिया हिल्स जिले के पुलिस अधीक्षक (एसपी) सेल्वेस्टर नोंगतिंगर ने कहा कि पानी का स्तर नीचे नहीं गया है जिसके साथ ही दो और पंप बचाव अभियान में लगाए जाएंगे. इस अभियान की निगरानी लगातार की जा रही है.
वहीं, डीआईजी ने कहा, एनडीआरएफ के गोताखोर फंसे हुए मजदूर तक पहुंचने की कोशिश करेंगे. निकटतम लैटीन नदी का पानी सान गांव में स्थित खदान में गुरुवार को प्रवेश कर गया. हालांकि, फंसे हुए मजदूरों की संख्या को लेकर अभी तक संशय की स्थिति बनी हुई है. कुछ स्थानीय लोगों का दावा है कि खदान में पानी भरने से पहले पांच लोग बाहर निकल गए थे लेकिन, पांच लोगों का पता अभी तक नहीं चला है.
पुलिस मजदूरों की संख्या 13 मानकर चल रही है पुलिस अधीक्षक ने कहा, "स्थानीय लोगों से बात करने के बाद पुलिस मजदूरों की संख्या 13 मानकर चल रही है. यह संख्या अब भी उतनी ही है लेकिन ताजा आंकड़े की पुष्टि के बाद इसमें बदलाव हो सकता है." राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने मेघालय में 2014 से अवैज्ञानिक और असुरक्षित कोयला खदानों पर प्रतिबंध लगाया रखा है.
पुलिस ने खदान का संचालन करने वाले जेम्स सुखलैन के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है. फिलहाल वह अभी फरार चल रहा है. गांव के एक बुजुर्ग ने कहा, "खनिकों के बचने की संभावना क्षीण है. खदान निकटतम नदी से भी ज्याद गहरी है."