नई दिल्ली: राफेल सौदे पर कांग्रेस के आरोपों का सरकार की तरफ से केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पलटवार किया. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी राफेल पर झूठ परोस रहे हैं. उन्होंने देश के लोकप्रिय और ईमानदार प्रधानमंत्री पर शर्मनाक टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ने पीएम के लिए जिस स्तरहीन भाषा का प्रयोग किया उसकी भर्त्सना करते हैं.  उनकी समस्या अहंकार है. बता दें कि आज सुप्रीम कोर्ट ने राफेल सौदे पर सवाल खड़े करने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया और कहा कि कुछ लोगों की धारणा के आधार पर जांच का आदेश नहीं दिया जा सकता है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 126 विमान और 36 विमान खरीदने में अंतर है. राफेल डील के लिए 74 बैठकें हुईं, केंद्र सरकार ने सब पैमानों पर जांचकर राफेल सौदा किया, ये कांग्रेस से पूछा जाना चाहिए कि इतने सालों तक भारतीय एयरफोर्स को मजबूत बनाने का ये काम क्यों लटकाए रखा गया? उन्होंने सवाल किया कि साल 2006-2012 के बीच दसॉल्ट कम कीमत में सौदा करने के लिए तैयार था तो आखिर कौन सी ताकतें थी जो इस डील को पूरा करने से रोक रही थीं. इतना ही नहीं रविशंकर प्रसाद ने कोर्ट के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का जिक्र करते हुए पूछा कि क्या कांग्रेस और राहुल गांधी कोर्ट से ऊपर हैं?

राफेल डीलः पीएसी के सामने CAG रिपोर्ट ही नहीं आई तो कैसे कहा कि पीएसी ने देख ली रिपोर्ट-राहुल गांधी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज कोर्ट ने भी माना कि ऑफसेट पार्टनर चुनने में सरकार की कोई भूमिका नहीं थी, फरवरी 2012 में रिलायंस से बात शुरू हो चुकी थी. उन्होंने कहा कि वायुसेना को राफेल की जरूरत है. 36 विमान बने बनाए आएंगे, यही सौदा हुआ है. तंज करते हुए उन्होंने कहा कि राफेल पर राहुल गांधी की टिप्पणी को पाकिस्तान में खूब गौर किया जाता है.

बता दें कि शुक्रवार को राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए सरकार पर ताजा आरोप लगाए और दोहराया कि 'चौकीदार चोर है'. राहुल गांधी ने पीएम मोदी से सवाल पूछते हुए कहा कि विमान 1600 करोड़ रुपये में क्यों खरीदा गया? रक्षा मंत्री बार-बार अपना बयान क्यों बदलती रही हैं. उन्होंने पूछा कि अनिल अंबानी की कंपनी को कॉन्ट्रेक्ट क्यों दिया गया? साथ ही राहुल का तीसरा सवाल था कि इस मुद्दे पर पीएम मोदी क्यों नहीं बोलेते. राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि HAL से कॉन्ट्रेक्ट छीना गया. साथ ही उन्होंने पूछा CAG की रिपोर्ट PAC में क्यों नहीं आई ? CAG को पूरी जानकारी नहीं दी गई. सीएजी को पूरी जानकारी नहीं दी गई. जेपीसी जांच की मांग नहीं मानी गई और पीएसी को राफेल की कीमत क्यों नहीं बताई गई.