दिल्ली: नर्मदा बचाओ आंदोलन (एनबीए) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अपने जन्मदिन पर सरदार सरोवर बांध को देश को समर्पित करने का ‘नाटक’ पूरी तरह से नाकाम रहा. एनबीए ने कहा कि प्रधानमंत्री ने परियोजना के ‘जो फायदे बताए हैं’, वे ‘दूर की कौड़ी’ हैं क्योंकि वे सब ‘झूठ और प्रचार’ का पुलिंदा हैं.


एनबीए की नेता, मेधा पाटकर के नेतृत्व वाले इस अभियान ने एक बयान में कहा कि उसने अपने ‘जल, जमीन, जीविका, हक सत्याग्रह’ को स्थगित कर दिया है, साथ ही कहा कि उसका संघर्ष जारी रहेगा.


इसमें कहा गया, ‘‘प्रधानमंत्री भले ही उस अध्याय को बंद कर देना चाहते हैं लेकिन ऐसा होगा नहीं, क्योंकि नर्मदा घाटी के लोगों को पूरा मुआवजा नहीं मिला है और सबकुछ खत्म नहीं हुआ है.’’