NCP Symbol Name Row: चुनाव आयोग ने मंगलवार (6 फरवरी) को घोषणा की है कि अजित पवार गुट ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) है. पार्टी संस्थापक शरद पवार के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है. आयोग ने एक आदेश में अजित पवार के नेतृत्व वाले समूह को एनसीपी का चुनाव चिह्न ‘घड़ी’ भी आवंटित कर दिया.


चुनाव निकाय ने कहा कि निर्णय में ऐसी याचिका की पोषणीयता के निर्धारित पहलुओं का पालन किया गया, जिसमें पार्टी संविधान के उद्देश्यों का परीक्षण, पार्टी संविधान का परीक्षण और संगठनात्मक और विधायी दोनों में बहुमत के परीक्षण शामिल थे.


अपने आदेश में चुनाव आयोग ने क्या कहा?


एक विस्तृत आदेश में चुनाव आयोग ने कहा कि दोनों गुटों में से किसी ने भी यह तर्क नहीं दिया कि वे पार्टी संविधान के लक्ष्यों और उद्देश्यों का पालन करते हैं और दूसरा इसका उल्लंघन कर रहा है. 


चुनाव आयोग ने पाया कि दोनों गुटों के बीच पार्टी संविधान पर कोई विवाद नहीं था लेकिन वे इसका पालन नहीं कर रहे थे. परिणामस्वरूप यह परीक्षण भी कोई निर्णायक नतीजा नहीं दे सका.


चुनाव आयोग के आदेश में कहा गया है कि ऑर्गनाइजेशनल विंग के संबंध में यह देखा गया कि 2022 में हुए विवादित संगठनात्मक चुनावों के मद्देनजर एनसीपी के 'सर्वोच्च प्रतिनिधि निकायों', यानी कार्य समिति और राष्ट्रीय समिति का गठन संदेह से घिरा हुआ था.


चुनाव आयोग ने बहुमत परीक्षण से निकाला हल


आखिर में चुनाव आयोग ने विवाद का फैसला करने के लिए 'बहुमत परीक्षण' पर भरोसा करने का निर्णय लिया. चुनाव आयोग ने कहा कि उसने दोनों गुटों की ओर से दायर समर्थन के हलफनामों की जांच की और निष्कर्ष निकाला कि याचिकाकर्ता (अजित पवार) के नेतृत्व वाले खेमे को विधायकों के बीच बहुमत प्राप्त है.


चुनाव निकाय ने 140 पेज के आदेश में कहा कि इस आयोग का मानना ​​​​है कि अजित पवार के नेतृत्व वाला गुट राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) है और वह इसका नाम और चुनाव चिह्न 'घड़ी' का उपयोग करने का हकदार है.


शरद पवार गुट क्या बोला?


शरद पवार गुट ने निर्वाचन आयोग के फैसले को लोकतंत्र की हत्या करार दिया. शरद पवार गुट की नेता सुप्रिया सुले ने कहा, ‘‘हम स्पष्ट रूप से दो काम कर रहे हैं. सबसे पहले हम अगले 48 घंटों में सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं. दूसरा, निर्वाचन आयोग ने हमें कल (7 फरवरी) शाम तक तीन नाम और तीन चुनाव चिह्न देने का विकल्प दिया है तो हम निश्चित रूप से ऐसा करेंगे.’’


अजित पवार पिछले साल जुलाई में एनसीपी के अधिकतर विधायकों के साथ अलग हो गए थे और उन्होंने महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली बीजेपी-शिवसेना सरकार का समर्थन किया था.


आयोग ने आगामी राज्यसभा चुनाव के मद्देनजर विशेष छूट देते हुए शरद पवार के नेतृत्व वाले गुट को अपने राजनीतिक दल के लिए एक नाम का दावा करने और तीन प्राथमिकताएं प्रदान करने के लिए बुधवार (7 फरवरी) दोपहर तक का समय दिया है.


(भाषा इनपुट के साथ)


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