नई दिल्लीः दिल्ली नगर निगम चुनाव नतीजों के बाद पहली बार दिल्ली के सीएम अरविंद केजरिवाल ने प्रतिक्रिया दी है. अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट करके बीजेपी को जीत पर बधाई दी है. साथ ही कहा है कि दिल्ली सरकार नगर निकाय में बीजेपी के साथ मिलकर काम करेगी.

आज सुबह से ही आम आदमी पार्टी एमसीडी चुनाव में मिली बड़ी हार के पीछे ईवीएम मशीन को दोषी ठहरा रही थी. लेकिन पार्टी के बड़े नेताओं ने इसके उलट खुद में झांकने की बात कर रहे हैं.

दिल्ली एमसीडी चुनाव में अब तक के नतीजों/रुझानों में बीजेपी 270 सीटों में से करीब 185 सीटें मिल रही है. आम आदमी पार्टी के खाते में 45 सीटें आई है. अपने बुरे दौर से गुजर रही कांग्रेस एमसीडी चुनावों में 30 सीटों के साथ तीसरे नंबर की पार्टी बनी है.

पार्टी में 'कलह' आम आदमी पार्टी के बड़े नेता और केजरीवाल सरकर में मंत्री कपिल मिश्रा ने कहा, ”चुनाव नतीजों की ज़िम्मेदारी केवल ईवीएम पर नहीं डाली जा सकती. स्थिति चिंता जनक है और हमें सोचने की जरूरत है.” कपिल मिश्रा ने आगे कहा, ”दिल्ली में बीजेपी की लहर है इसे नकारा नहीं जा सकता.”

अलका लांबा ने कहा, ”ईवीएम की बात जरूर उठ रही है लेकिन मैं जमीनी हकीकत जानती हूं. मुझे पता है कहां कहां चूक हुई है. मैं व्यक्तिगत तौर पर चांदनी चौक विधानसभा के सभी वॉर्ड में हुई की जिम्मेदारी लेती हूं. चुनाव के दौरान बहुत सी बातें सामने आयीं जिन्हें लेकर हम बात कर रहे हैं.”

इसके बाद अलका लांबा ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकर दी. अलका लांबा ने ट्विटर पर लिखा, ”मैं व्यक्तिगत रूप से तीनों वार्डस में हुई हार की जिम्मेदारी लेते हुये पार्टी को अपने सभी पदों से और विधायक पद से इस्तीफ़े की पेशकश करती हूं. मैं आप द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन और लीडर अरविंद केजरीवाल को तब तक ताकत देती रहूंगी जब तक यह लड़ाई अपने अंजाम तक नहीं पहुँच जाती.”

अलका लांबा चुनाव से पहले बीजेपी पर इल्जाम लगाती रहीं हैं कि बीजेपी की ओर से आप नेताओं के खरीदने की कोशिश की जाती रही है. उन्होंने कहा था कि बीजेपी की ओर से उनसे भी संपर्क साधा गया.

हार का ठिकरा ईवीएम पर फोड़ने को लेकर भगवंत मान ने कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी खोजने से कोई फायदा नहीं है. पार्टी नेतृत्व ने ऐतिहासिक भूल की है. हम सब को अपने अंदर झांकने की जरूरत है.

पंजाब चुनाव में पार्टी की हार की वजह बताते हुए ट्रिब्यून अखबार से कहा, ” हमने सीएम का उम्मीदार घोषित नहीं किया, उससे लोग कंफ्यूजन में थे. पंजाब में जरनैल सिंह को उतराना बड़ी गलती थी, इससे सीएम के चेहरे को लेकर कंफ्यूजन पैदा हो गया था.”

अब देखना होगा इन बड़े नेताओं के ‘बगावती’ सुर आम आदमी पार्टी और मुखिया अरविद केजरीवाल कैसे जवाब देगें. फिलहाल आम आदमी पार्टी के लिए ये वक्त हार पर चिंतन करने का है.