नई दिल्ली: आतंकियो से लोहा लेते हुए अपनी जान गंवाने वाले एक मेजर के परिवार ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. मेजर के परिवार का कहना है कि उनके बेटे का नाम सेना के 'मेंशन इन डिस्पेच' (सीनियर अधिकारी के प्रशस्ति-पत्र) से हटा दिया जाए. परिवार का दावा है कि सेना और सरकार ने उनके बेटे की शहादत और बहादुरी के लिए वीरता मेडल नहीं दिया है इसलिए वे 'मेंशन इन डिस्पेच' में भी नाम नहीं चाहते हैं. दिल्ली हाईकोर्ट ने सेना और सरकार से नाम हटाने को लेकर जवाब मांगा है.


दरअसल, तीन साल पहले आज ही के दिन यानि 29 नवम्बर 2016 को जम्मू के नगरोटा में सेना के एक कैंप पर हुए आंतकी हमले में मेजर अक्षय गिरीश शहीद हो गए थे. सेना की इंजीनियरिंग यूनिट में तैनात मेजर अक्षय गिरीश ने हमले के शुरूआती घंटों में आतंकियों से मुकाबला किया और आतंकियों को सैनिकों के रिहाईशी एरिया में नहीं घुसने दिया. जानकारी के मुताबिक, मेजर गिरीश ने सैनिकों के घरवालों को भी सुरक्षित बाहर निकालने में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन इसी दौरान आतंकियों की गोलियों और ग्रैनेड लांचर का वे निशाना बनकर शहीद हो गए.


दिल्ली हाईकोर्ट में दाखिल अपनी याचिका में घरवालों की दलील है कि मेजर अक्षय गिरीश के उच्च अधिकारियों ने उनका नाम सेना मुख्यालय को शौर्य पदक के लिए भेजा था, लेकिन अगले साल 15 अगस्त में पाया कि उनका नाम मेंशन इन डिस्पेच में ही था. मेंशन इन डिस्पेच दरअसल, एक सीनियर अधिकारी द्वारा अपने मातहत का नाम हायर कमांड को भेजे पत्र में होता है जिसमें उस अधिकारी की बहादुरी की तारीफ होती है, लेकिन ये बहादुरी ऐसी होती है जिसके लिए उसे वीरता मेडल नहीं दिया जा सकता.


इसके बाद मेजर अक्षय गिरीश के परिवारवालों ने सेना मुख्यालय और सरकार से अपने फैसलों की समीक्षा करने का अनुरोध किया. मेजर के परिवारवालों ने तत्कालीन रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से मुलाकात की तो रक्षा मंत्री ने इस मामले पर एक रिव्यू कमेटी का गठन किया. लेकिन इसी साल सितबंर के महीने में सेना मुख्यालय ने परिवार को बताया कि फैसले की समीक्षा के बाद कमेटी ने पाया कि सेना और सरकार के फैसले को नहीं बदला जा सकता.


यही वजह है कि मेजर गिरीश के परिवार ने दिल्ली हाईकोर्ट से अपील कर मेंशन इन डिस्पेच में दिए नाम को वापस लेने का अनुरोध किया है. इसी महीने की 22 तारीख को अदालत ने सरकार से जवाब मांगा है कि परिवार अपने बेटे का नाम मेंशन इस डिस्पेच से वापस क्यों नहीं ले सकता है.


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