Marriage Rule Changed In Bengal: पश्चिम बंगाल सरकार ने मैरिज रजिस्ट्रेशन के लिए बायोमेट्रिक रिकॉर्ड (उंगलियों के निशान) को अनिवार्य कर दिया है. शादी करने वाले कपल और तीन गवाहों को बायोमेट्रिक रिकॉर्ड करवाने पड़ेंगे. टाइम्स आफ इंडिया की एक रिपोर्ट की मानें तो बंगाल सरकार ने एक नवंबर से सभी विवाहों के लिए बायोमेट्रिक्स की रिकॉर्डिंग अनिवार्य कर दी है.
रिपोर्ट के मुताबिक शादी के लिए आवेदन करते समय अब दूल्हा या दुल्हन में से किसी एक को अपना बायोमेट्रिक विवरण देना होगा. उसके बाद पंजीकरण के समय दूल्हा-दुल्हन और तीनों गवानों को भी बायोमेट्रिक रिकॉर्ड करवाना होगा. इसके लिए मैरिज रजिस्ट्रार को लैपटॉप और फिंगरप्रिंट स्कैनर से लैस किया गया है.
एक पखवाड़े में 2700 विवाहनए नियम के लागू होने के बाद पहले पखवाड़े में, बुधवार (15 नवंबर) तक बायोमेट्रिक डिटेल के साथ 5,768 विवाह आवेदन किए गए थे. इनमें से 2,700 से अधिक जोड़े की शादी बायोमेट्रिक्स रिकॉर्ड करके पंजीकृत किए गए हैं.
पिछले साल ही बना था नियमएक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह नियम पिछले साल ही बनाया गया था. उन्होंने कहा, "राज्य सरकार ने 2022 में विवाह नियमों में संशोधन किया था, जिससे विवाह आवेदन और पंजीकरण के लिए बायोमेट्रिक्स अनिवार्य कर दिया गया था. हालांकि जरूरी उपकरणों की खरीद के बाद इसे इस महीने से लागू किया गया है."
उन्होंने बताया कि पहले शादी करने के लिए कपल के साथ गवाहों की उपस्थिति और पहचान संबंधी दस्तावेज वेरीफाई करने के बाद हस्ताक्षर लेकर शादी पंजीकृत कर ली जाती थी, लेकिन अब इन तमाम प्रक्रियाओं के अतिरिक्त फिंगरप्रिंट भी अनिवार्य कर दिया गया है.
केवल हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधनअधिकारी ने यह भी बताया कि फिलहाल, नया नियम केवल हिंदू विवाह अधिनियम, 1954 और विशेष विवाह अधिनियम, 1954 के तहत विवाह पर लागू होगा. बाद में इसे अन्य विवाह अधिनियम तक भी बढ़ाए जाने की संभावना है.आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 1 जून 2019 से ही विवाहों के दस्तावेजों को डिजिटाइज करने के लिए बायोमेट्रिक की अनिवार्यता सुनिश्चित करने के लिए कदम बढ़ाना शुरू कर दिया था.
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