मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन को शांत कराने के लिए फडणवीस सरकार की कोशिश जारी है. आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विपक्षी दलों की अहम बैठक बुलाई है. जिसमें आरक्षण पर कोई रास्ता निकल सकता है. इससे पहले शुक्रवार देर रात शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े के बंगले पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मराठा नेताओं के बीच करीब साढ़े तीन घंटे तक बैठक हुई. इस बैठक के बाद आरक्षण को समर्थन देने का फैसला किया गया.
आपको बता दें कि आरक्षण आंदोलन और हिंसा की वजह से मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सवालों के घेरे में हैं. शिवसेना ने दावा किया था कि बीजेपी फडणवीस को मुख्यमंत्री पद से हटाना चाहती है. इस दावे को बीजेपी ने खारिज कर दिया है. केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता नितिन गडकरी ने कहा, ''महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री नहीं बदलेगा. पूरी पार्टी देवेंद्र फडणवीस के पीछे खड़ी है.''
वहीं महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अशोक चव्हाण ने विपक्षी दलों के विधायकों से अपील की कि वे मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर इस्तीफा देने की बजाए इसके लिए लड़ाई तेज कर दी. गौरतलब है कि भारत भाल्के (कांग्रेस) और भाऊसाहब चिकटगांवकर और रमेश कदम (दोनों राकांपा) ने मुद्दे पर एकजुटता दिखाते हुए इस्तीफा देने की पेशकश की. चव्हाण ने कहा कि इस्तीफा देने की बजाए उन्हें और जोश खरोश से मांग को लेकर लड़ना चाहिए.
मराठा आरक्षण: देर रात साढ़े तीन घंटे की बैठक के बाद फडणवीस सरकार ने दिया समर्थन
25 जुलाई को मराठा आंदोलन कारियों ने मुबंई, अहमद नगर, नवी मुंबई और ठाणे समेत कई इलाकों में बंद बुलाया और इस दौरान जमकर हिंसा की. इस दरान कई गाडियों को आग के हवाले कर दिया गया. इस आदोंलन की अगुवाई मराठा क्रांति मोर्चा कर रहा है. शाम होते होते मंबई में आंदोलन वापस ले लिया गया लेकिन बाकी जगहों पर पुलिस को प्रदर्शनकारियों पर कब्जा पाने के लिए कड़ी मश्क्कत करनी पड़ी.
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