पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर ने रविवार को दुनिया को अलविदा कह दिया. अब बड़ा सवाल है कि सूबे की कमान किसे मिलेगी. सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पद की रेस में गोवा विधानसभा के स्पीकर और बीजेपी नेता प्रमोद सावंत सबसे आगे हैं. सावंत के नाम पर गठबंधन सहयोगी भी सहमत दिखाई दे रहे हैं.


मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय करने के लिए केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता नितिन गडकरी देर रात पणजी पहुंचे. उन्होंने गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीय विधायकों के साथ बैठक की.


बीजेपी केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक को मुख्यमंत्री बनाना चाहती थी लेकिन बीजेपी की गठबंधन सहयोगी पार्टियां इसपर सहमत नहीं थी. मुख्यमंत्री की रेस में विश्वजीत राणे ने भी आने की कोशिश की. उन्होंने दावा किया था कि उन्हें कांग्रेस विधायकों का समर्थन हासिल है.


क्या है समीकरण?
गोवा में बीजेपी के पास पूर्ण बहुमत नहीं थी. पर्रिकर बीजेपी, गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी गठबंधन की सरकार चला रहे थे. उन्हें 2017 में गोवा के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलायी गई थी. कांग्रेस वर्तमान में 14 विधायकों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी है जबकि 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में बीजेपी के पास 12 विधायक हैं.


पर्रिकर के निधन के बाद 40 सदस्यीय गोवा विधानसभा में सदस्यों की संख्या 36 रह गई है. बीजेपी विधायक फ्रांसिस डिसूजा का गत महीने निधन हो गया था जबकि दो कांग्रेस विधायकों ने पिछले साल इस्तीफा दे दिया था.


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गोवा फॉरवर्ड पार्टी, एमजीपी और निर्दलीयों के तीन..तीन विधायक हैं जबकि एनसीपी का एक विधायक है. कांग्रेस ने पिछले करीब 24 घंटे में दो बार राज्यपाल को पत्र लिखकर सरकार बनाने के लिए न्योता देने का आग्रह किया है. इसपर फैसला राज्यपाल मृदुला सिन्हा को लेना है.


पर्रिकर (63) का पणजी के पास उनके निजी आवास पर रविवार शाम निधन हो गया. वह पिछले एक साल से अग्नाशय संबंधी कैंसर से जूझ रहे थे. बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने बताया कि देर रात यहां पहुंचे नितिन गडकरी राज्य में भगवा पार्टी और गठबंधन सहयोगी दलों के बीच कोई आम सहमति हासिल नहीं कर सके.


हालांकि गडकरी की टिप्पणी नहीं मिल पाई है. लोबो ने कहा कि महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के विधायक सुदीन धवलीकर मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं जिससे बातचीत में गतिरोध पैदा हो गया है. लोबो ने रातभर चली बैठक के बाद एक होटल के पत्रकारों से कहा, ‘‘सुदीन धवलीकर खुद मुख्यमंत्री बनना चाहते हैं जबकि भाजपा चाहती है कि गठबंधन का नेता उसके खेमे का होना चाहिए. हम किसी भी फैसले पर नहीं पहुंच पाए.’’


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इससे पहले गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) प्रमुख विजय सरदेसाई ने कहा था कि पार्टियां अभी किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची हैं. सरदेसाई ने कहा था कि बैठक में कोई नतीजा नहीं निकला और भाजपा ने उन्हें सूचित किया है कि बाद में दिन में फिर से बैठक होगी.


उन्होंने बताया कि पार्टियों ने इस पर चिंता जताई कि पर्रिकर की अनुपस्थिति में आगे कैसे बढ़ा जाए. उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि वे हमारी चिंताओं पर जल्द जवाब देंगे.’’ हालांकि, जीएफपी नेता ने कहा कि पार्टी ने अभी बीजेपी को लेकर दरवाजे बंद नहीं किए हैं. सरदेसाई अपने विधायक जयेश सालगांवकर और विनोद पालेकर तथा निर्दलीय विधायक रोहन खोंटे, गोविंद गावडे और प्रसाद गांवकर के साथ पहुंचे.