Manipur News: मणिपुर में निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना की पीड़िता के पति और कारगिल युद्ध में देश के लिए लड़ाई लड़ने वाले पूर्व सैनिक ने बताया कि इस घटना के बाद उनके परिवार की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है. उनका कहना है कि भगवान सबके सामने सच्चाई लाना चाहते थे इसीलिए यह वीडियो वायरल हुआ. पहले किसी ने मेरी बात पर विश्वास नहीं किया और पुलिस या सरकार के किसी अधिकारी का एक कॉल तक नहीं आया. 


द इंडियन एक्सप्रेस के साथ बात करते हुए पीड़िता के पति ने कहा कि बहुत पहले ही कार्रवाई की जानी चाहिए थी, लेकिन जब तक वीडियो सामने नहीं आया किसी ने हम पर भरोसा नहीं किया. पुलिस या किसी अधिकारी ने हमें कॉल तक नहीं किया. उन्होंने कंगपोकपी जिले के सायकुल पुलिस स्टेशन में 18 मई को दर्ज जीरो एफआईआर के आधार पर उन्होंने यह बता बताई 


घटना के बाद बदल गई जिंदगी
पीड़िता के पति ने 30 साल तक भारतीय सेना में रहकर सेवा दी है. 18 साल की उम्र में वह असम रेजीमेंट में शामिल हुए और साल 2000 में रिटायर हो गए. अपने रिटायमेंट के समय वह सुबेदार के पद पर थे. आर्मी में रहते हुए कई ऑपरेशनों का हिस्सा रहे और उनके घर में रखे मेडल इस बात की गवाही हैं. उनका कहना है कि जब से यह वीडियो वायरल हुआ है उनकी और उनके परिवार की जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है. पूर्व सैनिक के पास पुराने अधिकारियों और  सेना में उनके साथ काम कर चुके लोगों के फोन कॉल आ रहे हैं.


पीड़िताओं को सेफजोन में रखा गया
3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़की थी और महिलाओं के साथ हुई बर्बरता की यह घटना 4 मई की है. हिंसक घटनाओं के चलते पीड़ित महिलाएं रिलीफ कैंपों में रह रही थीं, लेकिन जब घटना का वीडियो सामने आया तो उन्हें सेफ जोन में भेज दिया गया. ये सेफजोन कहां पर हैं, इसकी जानकारी उनके परिवार वालों को भी नहीं है. 


घटना का वीडियो 19 जुलाई को सामने आया था, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सुप्रीम कोर्ट, सत्ता पक्ष और विपक्ष से लेकर आम आदमी तक हर किसी ने इसकी निंदा की है.


यह भी पढ़ें:
Nuh Violence: 'जब कार पर हो रही थी पत्थरबाजी-फायरिंग तो जज और 3 साल की बेटी की ऐसे बची जान', चश्मदीद बोला- डरावना था नूंह हिंसा का मंजर