Manipur Violence: मणिपुर पिछले तीन महीने से हिंसा की आग में जल रहा है. इस बीच हाल ही में मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने का मामला सामने आया. जिसके संबंध में दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया है कि इन महिलाओं का अपहरण करने से पहले हथियारबंद आदमियों का एक समूह कांगपोकपी जिले के गांव में घुसा और उसने घरों को लूटा. इसके अलावा आगजनी की, लोगों की हत्या की और महिलाओं का यौन शोषण किया. 


एफआईआर में दावा किया गया है कि भीड़ ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी थी. इस व्यक्ति ने चार मई के दिन कुछ लोगों को अपनी बहन का दुष्कर्म करने से रोकने की कोशिश की थी. इसके बाद दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया गया और दूसरे लोगों के सामने ही उनका यौन उत्पीड़न किया गया.


घरों में की तोड़फोड़
सैकुल थाने में दर्ज एफआईआर में दावा किया गया है कि एके राइफल्स, एसएलआर, इनसास और .303 राइफल्स जैसे आधुनिक हथियार लेकर करीब 900 से 1000 लोग थाने से करीब 68 किलोमीटर दक्षिण में कांगपोकपी जिले में हमारे गांव में जबरन घुस आए. हिंसक भीड़ ने हमारे घरों में तोड़फोड़ की और चल संपत्तियां लूटने के बाद उन्हें आग के हवाले कर दिया.


इसमें यह भी कहा गया कि नकदी, फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक सामान, अनाज तक भी वह लूटकर ले गए. साथ ही बताया गया कि भीड़ पांच लोगों को भी ले गयी थी जिन्हें पुलिसकर्मियों ने एक नजदीकी जंगल से बचाया. पुलिस ने महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने और उनसे छेड़छाड़ करने के संबंध में चार लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तारी से एक दिन पहले 19 जुलाई को इस घटना का वीडियो सामने आया था. इस घटना के संबंध में एक महीने पहले 21 जून को सैकुल थाने में शिकायत दर्ज की गयी थी.


करगिल युद्ध का हिस्सा रहे पूर्व सैनिक की पत्नी भी नहीं छोड़ी
जानकारी के अनुसार जिन दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराई गई,उनमें से एक का पति करगिल युद्ध में भाग ले चुका पूर्व सैनिक है. उन्होंने अपनी पत्नी के साथ हुई इस घटना में खेद जताते हुए कहा कि मैंने देश की रक्षा की लेकिन अपनी पत्नी को अपमानित होने से नहीं बचा पाया.


वह असम रेजीमेंट में सूबेदार के रूप में भारतीय सेना में सेवा दे चुके हैं. उन्होंने एक स्थानीय समाचार चैनल से कहा कि मैं करगिल युद्ध में देश के लिए लड़ा और भारतीय शांति रक्षक बल के रूप में श्रीलंका में भी रहा. मैंने देश की रक्षा की लेकिन मैं निराश हूं कि मैं अपनी पत्नी और बाकी गांव वालों की रक्षा नहीं कर सका.


उन्होंने बताया कि चार मई की सुबह भीड़ ने इलाके में कई मकानों को फूंक दिया, दोनों महिलाओं को निर्वस्त्र किया और उन्हें लोगों के सामने गांव की सड़कों पर घुमाया. पुलिस मौजूद थी लेकिन उसने कोई कार्रवाई नहीं की. मैं चाहता हूं कि जिन लोगों ने मकानों को जलाया और महिलाओं का अपमान किया उन्हें कठोर सजा मिले. 


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