Manipur News: मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है. तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और कांग्रेस ने इसे ‘बहुत देरी से उठाया गया कदम’ बताते हुए भाजपा पर लोकतंत्र को नष्ट करने का आरोप लगाया. बता दें कि हाल ही में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा दिया था, जिसके बाद राज्य में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति बन गई थी.

टीएमसी प्रवक्ता जॉय प्रकाश मजूमदार ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह और गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर में जारी जातीय संघर्ष और अस्थिरता के लिए जिम्मेदार हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने लंबे समय तक मणिपुर की स्थिति को नजरअंदाज किया और अब जब विधानसभा का कार्यकाल खत्म होने वाला है तो राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया. उन्होंने कहा "राज्य ने भाजपा को सुशासन की उम्मीद में चुना था, लेकिन पार्टी ने अलग-अलग जातीय समुदायों के साथ विश्वासघात किया है."

कांग्रेस का केंद्र सरकार पर हमला

कांग्रेस के सीनियर नेता अधीर रंजन चौधरी ने भी केंद्र सरकार पर मणिपुर की स्थिति को बिगाड़ने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि जब राज्य में हिंसा हो रही थी महिलाओं के साथ अपराध हो रहे थे और घर जलाए जा रहे थे तब केंद्र सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया. अब जब स्थिति पूरी तरह बेकाबू हो गई और सत्ता संभालने के लिए कोई ऑप्शन नहीं बचा तब भाजपा ने राष्ट्रपति शासन लागू किया है.

भाजपा ने राष्ट्रपति शासन के फैसले का बचाव किया

भाजपा की ओर से इस फैसले का बचाव किया गया है. पार्टी प्रवक्ता और सांसद समिक भट्टाचार्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने सही समय पर सही कदम उठाया है. उन्होंने दावा किया कि राष्ट्रपति शासन से मणिपुर में स्थिरता आएगी और बाकी भाजपा शासित राज्यों की तरह यहां भी विकास को गति मिलेगी.

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