Mamta Cabinet Reshuffle: पश्चिम बंगाल में बुधवार को ममता बनर्जी के मंत्रिपरिषद (Mamta Banerjee Cabinet) में नौ मंत्रियों ने पद की शपथ ली, इनमें से एक मंत्री का नाम काफी चर्चा में है और वो हैं 51 वर्षीय मशहूर गायक बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) का. एक गायक से सियासत के इस पायदान पर पहुंचे बाबुल सुप्रिया का सियासी सफर (Political Career) भी उतना ही दिलचस्प है जितनी दिलचस्प उनकी गायकी. कभी बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के ‘पोस्टर बॉय’(Poster Boy) रहे बाबुल सुप्रियो तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress)में शामिल होने से पहले भाजपा (BJP)नीत केंद्र सरकार में मंत्री पद भी संभाल चुके हैं और आज से वे पश्चिम बंगाल की ममत सरकार में मंत्री पद संभालेंगे.


बैंकर की नौकरी से की थी कैरियर की शुरुआत


बाबुल सुप्रियो ने बैंकर की नौकरी से अपने कैरियर की शुरुआत की थी. फिर उन्होंने गायकी की दुनिया में भी अपना लोहा मनवाया. पश्चिम बंगाल के उत्तरपाड़ा में 1970 में सुप्रिया बराल के रूप में जन्मे बाबुल सुप्रियो ने बैंक की नौकरी छोड़कर गायकी की दुनिया में किस्मत आजमाने के लिए अपना नाम तक बदल लिया था. गायकी में सफलता पाने के बाद सुप्रियो ने साल 2014 में राजनीति में कदम रखा और बाबा रामदेव की सिफारिश पर BJP ने उन्हें लोकसभा चुनाव में टिकट दिया.


टॉलीगंज से बालीगंज


योग गुरु रामदेव के सपंर्क में आने के बाद सुप्रियो को BJP की अगुवाई वाली केंद्र सरकार में मंत्री बनने का अवसर मिला. हालांकि, पिछले साल टॉलीगंज विधानसभा सीट से 50,000 हजार मतों के बड़े अंतर से हारने के बाद उन्हें तगड़ा राजनीतिक झटका लगा. फिर सुप्रियो ने सितंबर 2021 में सभी को चौंकाते हुए भाजपा का दामन छोड़ दिया और बंगाल के सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए, जिसके बाद उन्होंने अपनी नयी पार्टी के टिकट पर अप्रैल में बालीगंज विधानसभा सीट से जीत दर्ज की.


मजेदार रहा है सुप्रियो का राजनीतिक सफर


भाजपा के साथ राजनीतिक पारी शुरू करने वाले सुप्रियो ने आसनसोल सीट से तृणमूल कांग्रेस की डोला सेन को मात देकर सभी को चौंका दिया, जिसके बाद सुप्रियो को केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री बनाया गया था. दो साल बाद जुलाई 2016 में मंत्रिमंडल फेरबदल के दौरान उन्हें भारी उद्योग मंत्रालय में जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. 2019 के लोकसभा चुनावों में भी सुप्रियो की जीत का सिलसिला जारी रहा और उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की मुनमुन सेन को 1.97 लाख मतों के भारी अंतर से हराया था. इस बार सुप्रियो को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री बनाया गया.


BJP से हुई अनबन थाम लिया तृणमूल का दामन


BJP ने सुप्रियो को अप्रैल 2021 में टॉलीगंज विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के तीन बार के विधायक अरूप विश्वास के खिलाफ मैदान में उतारा. हालांकि, इस बार सुप्रियो को 50,000 से अधिक मतों से हार का सामना करना पड़ा. बाद में BJP के शीर्ष नेतृत्व के साथ सुप्रियो के संबंधों में खटास आने लगी और उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटा दिया गया. मंत्री पद से हटाए जाने से आहत सुप्रियो ने कहा था कि वह राजनीति ‘‘छोड़’’ देंगे. बदलते राजनीतिक घटनाक्रम के बीच सुप्रियो ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया था.


ममता ने इन नौ रत्नों को किया मंत्रिमंडल में शामिल


बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को एक बड़ा कैबिनेट फेरबदल किया है. 2011 में पश्चिम बंगाल में पार्टी के सत्ता में आने के बाद से यह सबसे बड़ा होने की संभावना है. बता दें कि शिक्षा घोटाला मामले में अब निलंबित मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी से पार्टी के बीच यह घटनाक्रम सामने आया है.


बुधवार को नौ मंत्रियों ने इन शपथ ली


1. बाबुल सुप्रियो


2. स्नेहाशीष चक्रवर्ती


3. पार्थ भौमिकी


4. उदयन गुहा


5. प्रदीब मजूमदार


स्वतंत्र प्रभार के साथ MoS


1. बिप्लब रॉय चौधरी


विदेश राज्य मंत्री


1. ताजमुल हुसैन


2. सत्यजीत बर्मन


इस बीच, बीरबाहा हसदा, जो पहले राज्य मंत्री (वन) थे, ने स्वतंत्र प्रभार के साथ MoS के रूप में शपथ ली है


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