मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार (18 दिसंबर, 2025) को पश्चिम बंगाल सरकार की रोजगार गारंटी योजना कर्मश्री को महात्मा गांधी के नाम पर रखने की घोषणा की है. ममता बनर्जी ने कहा कि मनरेगा योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाया जाना शर्मनाक है. अगर केंद्र सरकार राष्ट्रपति को सम्मान नहीं दे सकती है, तो हम उन्हें सम्मान देंगे.

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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का यह बयान यूपीए सरकार के दौरान शुरू किए गए मनरेगा योजना का नाम बदलकर विकसित भारत गारंटी फोर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) या विबी-जी राम जी करने के लिए लाए बिल के गुरुवार (18 दिसंबर, 2025) को लोकसभा से पास होने के बाद सामने आया है. पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने यह बयान बिजनेस और इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) का नाम लिए बिना दिया है.

कॉन्क्लेव में क्या बोलीं सीएम ममता बनर्जी?

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बिजनेस और इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “मुझे इस बात पर शर्म आती है कि मनरेगा योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाया जाने के फैसले लिया गया है, क्योंकि मैं भी इसी देश की नागरिक हूं. हम अब अपने राष्ट्रपिता को भूलते जा रहे हैं.” उन्होंने कहा, “अब हम हमारे राज्य के कर्मश्री रोजगार योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेंगे.”

क्या है पश्चिम बंगाल की कर्मश्री योजना?

पश्चिम बंगाल में कर्मश्री योजना के तहत सरकार का दावा है कि लाभार्थियों को 75 दिनों तक काम उपलब्ध कराया जा रहा है, जबकि बनर्जी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से मनरेगा के तहत मिलने वाली रकम रोकी जा रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कर्मश्री योजना के तहत काम करने के दिनों में इजाफा कर 100 दिन करने का लक्ष्य रखती है.

बनर्जी ने कहा, “हम कर्मश्री योजना के तहत पहले ही अपने संसाधनों से काम करने के दिनों को बढ़ा चुके हैं. भले ही केंद्र सरकार की ओर से हमारी फंडिंग रोक दी जाए, हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लोगों को काम मिले. हम भिखारी नहीं हैं.”

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