ऑपरेशन सिंदूर पर कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के विवादित बयान पर केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बहुत दुख होता है जब हमारे देश के राजनेता जो इतने लंबे समय तक सत्ता में रहे वे ऐसा कहते हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'ऐसी बात उनके मुंह से शोभा नहीं देती है. सामान्य जनता भी ऑपरेशन सिंदूर का सच जानती है. ये विपक्षी नेता सिर्फ राजनीतिक कारणों से विरोध कर रहे हैं.'
कांग्रेस पर भड़के केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक
केंद्रीय मंत्री श्रीपद नाइक ने कहा, 'पीएम मोदी तक कहते हैं कि जब देश की बात हो संकट हो, अगर कोई समस्या हो तो हम (सत्तापक्ष), विपक्ष के साथ बैठ कर बात कर सकते हैं. अगर कोई बात हमारे संज्ञान में नहीं आई है तो हमें बताएं, लेकिन पब्लिक में कहना, सैनिकों के लिए और देश के लिए हानिकारक है.' पीएम मोदी ने अपने कैबिनेट के मंत्रियों को दूसरे मंत्रालयों के मुद्दों को जानने और उनसे जुड़ी जानकारियों को देश के सामने रखने की जिम्मेदारी दी है. इसी कड़ी में गुरुवार (18 दिसंबर 2025) को श्रीपद नाइक और श्रम एवं रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया ने अलग-अलग प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था.
'शिप बिल्डिंग में आत्मनिर्भर बना भारत'
केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा, 'पहले हम हथियारों के लिए आयात पर निर्भर रहते थे. देश के 60-70 फीसदी हथियार विदेश से आते थे, लेकिन पीएम मोदी के नेतृत्व में आज हम 65 फीसदी स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं. शिप बिल्डिंग में देश आज लगभग आत्मनिर्भर बन चुका है. भा्रतीय नौसेना के लिए कोच्चि में बना आईएनएस विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर इसका जीता-जागता उदाहरण है, जिसमें 67 फीसदी स्वदेशी उपकरण लगे है.'
मनसुख मांडविया के मुताबिक, आज रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ हथियारों और दूसरे सैन्य उपकरणों का एक्सपोर्ट भी कर रहे हैं. उन्होंने ने बताया कि एक दशक पहले तक महज 600 करोड़ के हथियारों का निर्यात होता था, लेकिन अब 200 फीसदी बढ़ोतरी के साथ ये निर्यात 25 हजार करोड़ तक पहुंच गया है.
'अब हथियार के साथ-साथ टेक्नोलॉजी भी होती ट्रांसफर'
केंद्रीय मंत्री मांडविया ने बताया, 'पहले दूसरे देशों के साथ मिलकर जो हथियार और सैन्य उपकरण देश में बनते थे, उसकी टेक्नोलॉजी नहीं ट्रांसफर होती थी. आज रूस और इजरायल से जो हथियारों की डील होती हैं, उसमें टीओटी यानि ट्रांसफर ऑफ टेक्नोलॉजी भी होती है. यहां तक की हाल ही में अमेरिका के साथ जो 10 वर्षीय डिफेंस फ्रेमवर्क पर हस्ताक्षर हुए हैं, उसमें भी टीओटी का क्लॉज रखा गया है.'