Mallikarjun Kharge On Arun Goel Resignation: कांग्रेस ने चुनाव आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे को भारतीय लोकतंत्र के लिए चिंताजनक करार देते हुए शनिवार (9 मार्च) को कहा कि इस घटनाक्रम के बारे में स्पष्टीकरण दिया जाना चाहिए.


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने दावा किया कि अगर संस्थाओं की बर्बादी को नहीं रोका गया तो लोकतंत्र पर तानाशाही का कब्जा हो जाएगा. उन्होंने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट किया, 'भारत में अब केवल एक चुनाव आयुक्त है, जबकि कुछ ही दिनों में लोकसभा चुनावों की घोषणा होनी है. क्यों?''


मल्लिकार्जुन खरगे ने पूछा मोदी सरकार से सवाल


कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा, ''जैसा कि मैंने पहले कहा है, अगर हम अपनी स्वतंत्र संस्थाओं की सुनियोजित बर्बादी को नहीं रोकते हैं, तो तानाशाही द्वारा हमारे लोकतंत्र पर कब्जा कर लिया जाएगा.'' उन्होंने दावा किया कि निर्वाचन आयोग अब ध्वस्त होने वाली आखिर की संवैधानिक संस्थाओं में से एक होगी. कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने कहा, ''मोदी सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए और उचित स्पष्टीकरण देना चाहिए.''


केसी वेणुगोपाल ने भी साधा सरकार पर निशाना


कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने भी कहा कि निर्वाचन आयोग के कामकाज में पारदर्शिता सुनिश्चित की जानी चाहिए. चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने 2024 के लोकसभा चुनाव कार्यक्रम की संभावित घोषणा से कुछ दिन पहले शनिवार (9 मार्च) को पद से इस्तीफा दे दिया. गोयल का कार्यकाल दिसंबर 2027 तक था.


केसी वेणुगोपाल ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की सेहत के लिए यह बेहद चिंताजनक बात है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने लोकसभा चुनाव के ठीक पहले इस्तीफा दे दिया है. निर्वाचन आयोग जैसी संवैधानिक संस्था कैसे काम कर रही है? इसमें बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है.’’


कांग्रेस नेता ने सरकार पर लगाया EC पर दबाव डालने का आरोप


केसी वेणुगोपाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह निर्वाचन आयोग पर दबाव डालती है. वेणुगोपाल ने दावा किया, ‘‘2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान  अशोक लवासा ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए प्रधानमंत्री को क्लीन चिट देने के खिलाफ असहमति जताई थी. बाद में उन्हें लगातार पूछताछ का सामना करना पड़ा. यह रवैया दर्शाता है कि शासन लोकतांत्रिक परंपराओं को नष्ट करने पर तुला हुआ है.’’


उन्होंने कहा कि इस घटनाक्रम को स्पष्ट किया जाना चाहिए और आयोग को हर समय पूरी तरह से गैर-पक्षपातपूर्ण होना चाहिए.


RJD ने जताई आशंका


राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रवक्ता मनोज झा ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ‘‘खबर आ रही है कि चुनाव आयुक्त अरुण गोयल ने इस्तीफा दे दिया है. संभवतः लोकसभा के आम चुनाव की घोषणा के ठीक एक सप्ताह पहले. इस तरह के इस्तीफे संशय पैदा करते हैं कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष होंगे भी?''


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