Malegaon Blast Case: साल 2008 में हुए मालेगांव बम धमाके मामले में स्पेशल एनआईए (NIA) कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान आज यानी मंगलवार एक और गवाह होस्टाइल (hostile) हो गया. मालूम हो कि इस मामले में 6 लोगों की मौतें हुई थीं और 100 के करीब लोग घायल हुए थे, तब इस मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस (Maharashtra ATS) कर रही थी.


इसी मामले में गिरफ्तार आरोपी नंबर-5 समीर कुलकर्णी ने एबीपी न्यूज़ से बातचीत में बताया कि महाराष्ट्र एटीएस (Maharashtra ATS) ने बहुत अत्याचार किया और किसी से कुछ भी बयान दर्ज करवा लिया. कुलकर्णी ने बताया कि आज के साक्षीदार ने अदालत को चौंकाने वाली बात बताई.


मामले की जांच महाराष्ट्र ATS कर रही थी


साक्षीदार ने कहा कि मामले की जांच जब ATS कर रही थी, तो उस समय ATS ने उसे पांच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से जुड़े लोगों के नाम लेने को कहा था. ऐसा नहीं करने पर बहुत प्रताड़ित किया गया था. पुलिस स्टेशन में बैठाकर रखा जाता था. दबाव में आकर ही उसने कुछ लोगों के नाम लिए थे. योगी आदित्यनाथ, इंद्रेश कुमार, असीमानंद, देवधर और काकाजी इन पांच लोगों का नाम लेने के लिए साक्षीदार को ATS ने धमकाया था.


'कांग्रेस की सरकार केंद्र में थी, तब ये सब हुआ'


इस मामले में कुलकर्णी ने ये भी आरोप लगाया है कि जब कांग्रेस की सरकार केंद्र में थी, तब ये सब हुआ और 2014 के बाद से इस मामले में सच क्या है, वो सामने आना शुरू हुआ है. कुलकर्णी खुद इस मामले में गवाह से सवाल-जवाब किया और पूछा कि आपने उस समय ऐसा बयान क्यों दिया और अब तक शांत क्यों थे, जिस पर गवाह ने बताया कि उसे कानून का कोई ज्ञान नहीं है, इस वजह से उसने उस समय कुछ नहीं किया, पर आगे चलकर वो महाराष्ट्र ATS के खिलाफ क्या कानूनी कार्रवाई की जा सकती है, इस पर विचार करेगा.


मामले में 220 साक्षीदारों का बयान अदालत में दर्ज


गौरतलब है कि मालेगांव ब्लास्ट 2008 मामले की जांच शुरू में ATS कर रही थी, तभी इस गवाह की गवाही दर्ज की गई थी. इस मामले में अब तक 220 साक्षीदारों का बयान अदालत में दर्ज किया गया है, जिसमें से आज 15वां गवाह अपने पहले गवाही से पलटा और अदालत में ये चौंकाने वाले खुलासे किए.