नई दिल्ली: एलएसी पर भारत से और साउथ चायना सी में अमेरिका से तल रही तनातनी के बीच इस साल मालाबार एक्सरसाइज में आस्ट्रेलिया की नौसेना भी हिस्सा लेने जा रही है. ये पहली बार होगा कि आस्ट्रेलिया इस एक्सरसाइज में हिस्सा लेने जा रहा है. अभी तक भारत, अमेरिका और जापान की नौसेनाएं ही इस एक्सरसाइज में हिस्सा लेती आई हैं. लेकिन चीन को ये एक्सरसाइज फूटी आंख नहीं सुहाती है.


इस साल मालाबार एक्सरसाइज दो चरणों में हो रही है. पहला चरण 3-6 नबम्बर को बंगाल की खाड़ी में होगा, जबकि दूसरा फेज़ मिड-नबम्बर में अरब सागर में होगा. इस साल युद्धभ्यास में हिस्सा लेने वाले य़ुद्धपोत, पनडुब्बी, एयरक्राफ्ट और हेलीकॉप्टरों में अमेरिकी नौसेना- यूएसएस जॉन मैककैन (गाईडेड मिसाइल डेस्ट्रोयर), आस्ट्रेलियाई नौसेना- एचएमएएस बैलर्ट (लॉन्ग रेंज फ्रीगेट) इस युद्धपोत के साथ एमएच-60 हेलीकॉप्टर भी है और जापानी नौसेना-जेएस ओनमी (डेस्ट्रोयर) जिसके साथ एसएच-60 हेलीकॉप्टर भी शामिल होगा.


रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान में बताया गया था कि क्योंकि भारत समुद्री सुरक्षा-क्षेत्र में दूसरे देशों के साथ सहयोग बढ़ाना चाहता है और आस्ट्रेलिया से भारत का लगातार रक्षा सहयोग बढ़ रहा है इसीलिए मालाबार-2020 में आस्ट्रेलियाई नौसेना भी शिरकत करेगी.


मालाबार एक्सरसाइज की शुरूआत भारत और अमेरिका की नौसेनाओं के बीच 1992 में शुरू हुई थी. वर्ष 2015 में जापान ने भी इस युद्धभ्यास में हिस्सा लेना शुरू कर दिया. उसके बाद से ही ये एक्सरसाइज एक साल अमेरिका के समंदर में होती है तो एक साल जापान की समुद्री-सीमा में और एक साल भारत के समंदर में. वर्ष 2018 में मालाबार एक्सरसाइज अमेरिकी मिलिट्री बेस, गुआम के करीब फिलीपींस-समंदर में हुई थी, वहीं 2019 में जापान में हुई थी.


आपको बता दें कि जब जापान ने मालाबार एक्सरसाइज में शिरकत करने की कोशिश की थी तो चीन ने इसका बाकयदा विरोध किया था. क्योंकि चीन को लगता था कि भारत-अमेरिका और जापान उसके खिलाफ लामबंद हो रहे हैं. लेकिन वर्ष 2015 में भारत ने चीन का विरोध दरकिनार कर जापान को मालाबार एक्सरसाइज में शामिल कर लिया था.