राजधानी दिल्ली में सोमवार को इंडिया ब्लॉक के सांसदों ने चुनाव आयोग के दफ्तर तक विरोध मार्च किया. मार्च के दौरान तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा बीच रास्ते में बेहोश हो गईं, जिन्हें पार्टी के साथी संभालते नजर आए.
विपक्षी सांसदों का आरोप: “वोट चोरी” और SIR में हेरफेरलोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में सांसदों ने संसद के मकर द्वार से चुनाव आयोग के निर्वाचन सदन तक मार्च किया. उन्होंने 2024 के लोकसभा चुनाव में “वोट चोरी” को लेकर आयोग पर गंभीर आरोप लगाए और बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) को वोटर सूची में हेरफेर का जरिया बताया.
दिल्ली पुलिस ने किया विरोध प्रदर्शन रोकने का प्रयासदिल्ली पुलिस ने कहा कि इस विरोध प्रदर्शन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी, इसलिए सांसदों को रोका गया. कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने जवाब में कहा कि ऐसी अनुमति कभी नहीं दी जाती और पुलिस सरकार के निर्देशों पर कार्रवाई कर रही है.
विपक्ष के अन्य नेताओं की प्रतिक्रियासमाजवादी पार्टी की डिंपल यादव ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के उपचुनावों में बूथ कब्जा होने का आरोप लगाया. राजद के मनोज झा ने SIR को "धोखा" बताया और चुनाव आयोग पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद डेटा छिपाने का आरोप लगाया. कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने इस मार्च की तुलना महात्मा गांधी के दांडी मार्च से की और इसे लोकतंत्र बचाने का प्रयास बताया.
विरोध के बावजूद सांसदों ने दिखाई हिम्मतपुलिस बैरिकेडिंग के बावजूद विपक्षी नेता चुनाव आयोग से जवाबदेही की मांग पर अड़े रहे और अपना विरोध जारी रखने का संकल्प जताया.कई नेताओं को दिल्ली पुलिस ने लिया हिरासत मेंदिल्ली पुलिस ने राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, संजय राउत और सागरिका घोष सहित अन्य भारतीय ब्लॉक के सांसदों को हिरासत में ले लिया, जो SIR के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे और संसद से भारत के चुनाव आयोग तक मार्च निकाल रहे थे.