Cash For Query Case: तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ कैश फॉर क्वेरी मामले में लोकसभा का एथिक्स पैनल जांच कर रहा है. इसको लेकर केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री (आईटी मिनिस्टर) अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार (24 अक्टूबर) को कहा कि राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) समिति के साथ पूरा सहयोग करेगा.


मोइत्रा के खिलाफ आरोपों की जांच शुरू करने के लिए नैतिकता समिति आने वाले कल गुरुवार (26 अक्टूबर) को बैठक करेगी. महुआ मोइत्रा के खिलाफ आरोप लगाने वाले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सांसद निशिकांत दुबे को दिए जवाब में अश्विनी वैष्णव ने कहा, “एनआईसी इस मामले में लोकसभा सचिवालय के किसी भी निर्देश का तुरंत जवाब देगा. साथ ही एनआईसी मामले की जांच में नैतिकता समिति को भी पूरा सहयोग देगी.”


NIC की सेवाएं लेता है सदन सचिवालय


लोकसभा वेबसाइट के लिए सदन सचिवालय एनआईसी से सेवाएं लेता है. सचिवालय स्पीकर ओम बिरला को रिपोर्ट करता है. वैष्णव का आश्वासन महत्वपूर्ण है क्योंकि पैनल को दुबे और मोइत्रा के पूर्व मित्र और वकील जय अनंत देहाद्राई के आरोपों का पता लगाने के लिए तकनीकी सहायता की जरूरत हो सकती है कि टीएमसी सांसद ने दर्शन हीरानंदानी को उनकी ओर से सवाल करने के लिए अपने संसदीय अकाउंट तक पहुंचने की अनुमति दी थी.


दुबे ने यह भी आरोप लगाया है कि सुरक्षा से समझौता करते हुए सांसद का अकाउंट दुबई से लॉग इन किया गया था.


महुआ मोइत्रा ने क्या कहा?


महुआ मोइत्रा ने पलटवार करते हुए कहा, ''कौन झूठ बोल रहा है? फेक डिग्री वाले ने दो दिन पहले कहा कि एनआईसी (National Informatics Centre) ने पहले ही दुबई से हुए लॉगिन सहित सभी डिटेल जांच एजेंसी को दे दी. अब अश्विनी वैष्णव कह रहे हैं कि एनआईसी लोकसभा और एथिक्स कमेटी के कहने पर जानकारी देगा. मुझ पर प्रहार करने के लिए बीजेपी का स्वागत है, लेकिन अडानी+गोड्डा शायद सर्वश्रेष्ठ रणनीतिकार नहीं है.''


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