Mahatma Gandhi Jayanti 2023 : भारत की आजादी की लड़ाई में महात्मा गांधी के योगदान से पूरा देश परिचित है. एक ऐसे दौर में जब देश में मुगलों का शासन खत्म कर अंग्रेजों ने भारतीयों पर जुल्म करना शुरू कर दिया था. तब देश का सामाजिक ताना-बाना एक दूसरे से भिन्न था. कहीं छुआछूत की सामाजिक बुराई थी तो कहीं हिंदू मुसलमानों में कटुता थी. अमीर गरीब वर्ग में तो मेल था ही नहीं.


इन तमाम परस्पर विपरीत परिस्थितियों में देश को आजाद करने का बीड़ा जब महात्मा गांधी ने उठाया तो उन्होंने सबसे पहले देशवासियों के बीच एकजुट का मंत्र फूंका. इसके लिए बापू ने कहा था, "देशवासियों की एकता में ही स्वराज निहित है." जब देश भर में अंग्रेजों के खिलाफ सविनय अवज्ञा के साथ सत्याग्रह आंदोलन चल रहा था तब बापू से मिलने देशभर से विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधि आते थे. बंगाल, गुजरात, बिहार से हिंदू मुस्लिम पारसी लोगों का आना-जाना लगा रहता था.


हर समुदाय के बीच बापू जब भी बोलते थे तो वह सामाजिक ताने-बाने से ऊपर उठकर एकता की बात जरूर करते थे.  बापू कहा करते थे भारत के हिंदूओं और मुसलमानों की एकता के बगैर स्वराज कभी संभव नहीं होगा. आज या कुछ समय बाद एकता बनानी ही होगी.


'हिन्दू मुस्लिम के सहयोग से ही प्रशस्त होगा स्वराज का रास्ता'
इंडियन एक्सप्रेस में महात्मा गांधी पर प्रकाशित एक आलेख के मुताबिक़ बापू ने कहा था "हिंदूओं और मुसलमानों में एक दूसरे के सहयोग की भावना ही स्वराज का रास्ता प्रशस्त करेगी." खासतौर पर युवा पीढ़ी को इसके लिए जब भी मौका मिलता था बापू प्रेरित किया करते थे. एक बार मुस्लिम छात्रों का एक प्रतिनिधि उनसे मिलने पहुंचा. वहां बापू ने उन्हें कहा था कि पूरे देश के नौजवानों को एक होकर स्वराज के लिए काम करना होगा.


जैसे-जैसे अंग्रेजो के खिलाफ आंदोलन तेज होता गया और आजादी करीब देखने लगी थी, देश का राजनीतिक माहौल भी बदलने लगा था. दो समुदायों के बीच कटुता बढ़ रही थी. बापू इस बात को भली भांति भांप गए थे. इसलिए वह कहा करते थे कि देश में लोगों के बीच म्युचुअल ट्रस्ट खत्म हो रहा है. ऐसे में लोगों को  एकजुट होने की जरूरत है, ताकि स्वराज का सपना सच हो सके.


नशा छोड़ने के लिए भी प्रेरित करते थे


खासतौर पर लोगों से नशा और आपसी लड़ाई छोड़ने के लिए गांधीजी हमेशा प्रेरित करते थे. एक दिन शाम की सभा में मजदूरों को संबोधित करते हुए बापू ने कहा था कि शराब का सेवन छोड़ना होगा. लड़ाई झगड़ा जैसे जो भी असभ्य आचरण हैं, उन्हें  तत्काल प्रभाव से छोड़ दो. यह तुम्हारे परिवार और अंतत: देश के लिए बेहद जरूरी है.


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