मुंबई: महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण आंदोलन को लेकर बात बनती दिख रही है. बीती रात फडणवीस सरकार एक्शन में नजर आई. रात साढ़े दस बजे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरकार के मराठा मंत्रियों के साथ बैठक की है. शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े के घर सेवासदन में करीब साढ़े तीन घंटे चली इस बैठक में फैसला हुआ कि बीजेपी और फडणवीस सरकार मराठा आरक्षण को समर्थन देगी. महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष राव साहेब दानवे ने इसकी जानकारी दी है. महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से मराठा आरक्षण की मांग को लेकर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं.
मराठाओं को समर्थन देने के पक्ष में है सरकार
महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष रावसाहेब दानवे ने कहा है, ‘’ प्रदेश बीजेपी कार्यकरिणी ने एक प्रस्ताव पास कर मराठा आरक्षण को समर्थन दिया है. बीजेपी और उसकी सरकार मराठाओं को समर्थन देने के पक्ष में है. सरकार ने मागासवर्गीय आयोग से रिपोर्ट मंगाई है. मामला कोर्ट में है और हम रिपोर्ट को जल्द ही कोर्ट में पेश कर जल्द फैसला देने की अपील करेंगे.’’
कल सभी दलों की बैठक बुलाई
सीएम फडणवीस के साथ बैठक के बाद महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने बताया कि शनिवार यानी कल एक और बैठक होगी, जिसमें सभी दलों को बुलाया जाएगा. इस बैठक में मराठा आरक्षण का हल निकालने की कोशिश होगी.
देर रात तक चली बैठक में कैबिनेट से राजस्वमंत्री चंद्रकांत पाटिल,जल संसाधन मंत्री गिरीश महाजन, महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष राव साहेब दानवे,मुम्बई बीजेपी अध्यक्ष आशीष शेलार,बबनराव लोंनकर और गृह राज्य मंत्री रनजीत पाटिल भी शामिल हुए थे.
मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर पांच विधायकों का इस्तीफा
मराठा आरक्षण की मांग को लेकर अब तक महाराष्ट्र के पांच विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. महाराष्ट्र विधानसभा के सूत्रों ने बताया कि भरत भाल्के (कांग्रेस), राहुल अहेर (बीजेपी) और दत्तात्रेय भारणे (राकांपा) ने कल विधायक पद से इस्तीफे दे दिए. इससे पहले कल हर्षवर्धन जाधव (शिवसेना) और भाऊसाहब पाटिल चिकटगांवकर (राकांपा) ने आरक्षण की मांग के समर्थन में इस्तीफा देने की पेशकश की थी. जाधव ने कल सुबह विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को अपना इस्तीफा पत्र सौंपा. चिकटगांवकर ने कहा कि उन्होंने अपना इस्तीफा विधानसभा अध्यक्ष को ईमेल के जरिये भेज दिया.
मराठा समाज की मांगें क्या हैं?मराठा समाज 16% आरक्षण की मांग कर रहा है. ये समाज पिछड़ा वर्ग के तहत सरकारी नौकरी, शिक्षा के क्षेत्र में भी आरक्षण की मांग कर रहा है. पिछले दो सालों से महाराष्ट्र में ये आंदोलन चल रहा है. पिछले दो सालों में 60 से ज्यादा जगहों पर आंदोलन हुआ है. इतना ही नहीं मराठा समाज कोपर्डी गैंगरेप के दोषियों को फांसी देने की मांग कर रहा है. साल 2016 में कोपर्डी में नाबालिग से गैंगरेप हुआ था.
महाराष्ट्र में मराठा आबादी 33% यानी करीब चार करोड़ है. ऐसे में कोई भी सरकार इस समाज को नाराज नहीं कर सकती. इस आंदोलन का नेतृत्व मराठा क्रांति मोर्चा कर रहा है. मराठा आंदोलन में लाखों लोग शामिल हो रहे हैं. यह भी पढ़ें- दिल्ली-NCR में बारिश: हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी से बाढ़ का खतरा, गाजियाबाद में स्कूल बंद
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