Maharashtra Political Crisis: चार्टेड प्लेन (Charted Plane), लक्जरी बसें (Luxury Buses) और महंगे-महंगे रिजॉर्ट (Resort) फिर मीडिया का हुजूम ये नजारा आपने टीवी पर देखा ही होगा. इन दिनों महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में जो दंगल हो रहा है उसमें शिवसेना (Shivsena) के बागी विधायक एक के बाद एक दांव पेंच से एमवीए (MVA) को पटखनी दे रहे हैं. तीन पार्टियों वाली एमवीए सरकार को घुटनों के बल ला खड़ा किया है और पतन के कगार पर है. इस राजनीति में लोगों की दिलचस्पी भी बढ़ गई है. लेकिन सबके बीच एक नाम जो उबर के आया है वो है रिसॉर्ट पॉलिटिक्स (Resort Poltics).


महाराष्ट्र की राजनीति में इस समय शिवसेना का नाम देश विदेश में हो रहा है. वो इसलिए क्योंकि एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) इन दिनों 49 विधायकों के साथ असम (Assam) के गुवाहाटी (Guwahati) के एक फाइव स्टार होटल में ठहरे हुए हैं. इनमें से शिवसेना के बागी विधायक 38, 9 निर्दलीय और 2 विधायक प्रहार जनशक्ति पार्टी के शामिल हैं. पहले ये विधायक बीजेपी (BJP) का सबसे मजबूत किला माने जाने वाले गुजरात (Gujarat) के सूरत (Surat) में थे. उसके बाद प्राइवेट जेट से सभी विधायकों को असम के गुवाहटी शिफ्ट कर दिया गया.


कहते हैं कि रिसॉर्ट पॉलिक्स में विधायकों को महंगे होटल में ठहराना, चार्टेड प्लेन और महंगी बसों में सफर कराना शामिल होता है. विधायकों के पास ऐसे मौके कम ही आते हैं जब इनकी इतनी आव भगत की जाती है. राज्यसभा चुनावों में ये ज्यादा देखने को मिलता है. लेकिन हम यहां राज्यसभा चुनाव को छोड़कर राज्य सरकार बनाने को लेकर बात कर रहे हैं जिसमें बताएंगे कि कहां कहां रिसॉर्ट पॉलिटिक्स के तहत सरकारें बनाई और गिराई गईं.


माना जाता है कि राजनीति में अच्छा या बुरा कुछ नहीं होता. जो भी हो जीत होनी चाहिए. फिर उसके लिए साम, दाम, दंड, भेद सभी तरह के हथकंडे अपनाए जाते हैं. आजकल महाराष्ट्र की राजनीति में यही देखने को मिल रहा है. अभी यहां रिसॉर्ट पॉलिटिक्स खूब चर्चा में है. लेकिन इसकी शुरुआत कहां से हुई पहले ये जान लेते हैं फिर आगे की बात करते हैं.


रिसॉर्ट पॉलिक्स की शुरुआत


मूल रूप से रिसॉर्ट पॉलिटिक्स की शुरुआत आंध्र प्रदेश से हुई थी जब अभिनेता से नेता बने एनटी रामाराव की सरकार बनी साल 1983 में हुए चुनाव जीता था. तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी ने टीडीपी सरकार को राज्यपाल का उपयोग करके हटा दिया था और दलबदलू नंडेदला भास्कर राव को सीएम बना दिया. उस समय एनटी रामाराव अमेरिका में इलाज करा रहे थे. जब वो वापस आए तो पूरा घटनाक्रम देखकर चौंक गए और व्हीलचेयर पर बैठे ही वो राष्ट्रपति भवन पहुंचे और 181 विधायकों को इकट्ठा कर परेड करा दी. इसके बाद एनटीआर का दल कर्नाटक के नंदी हिल्स में चला गया ताकि इन्हें भास्कर के ग्रुप से बचाया जा सके. लेकिन अब रिसॉर्ट पॉलिटिक्स बदल गई है.


साल 2004 के कर्नाटक विधानसभा चुनाव


रिसॉर्ट पॉलिटिक्स नई इबारत साल 2004 में हुए कर्नाटक विधानसभा चुनाव में लिखी गई. इस साल यहां त्रिशंकु जनादेश आया और बीजेपी 90 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. लेकिन बहुमत से तो कम ही आंकड़ा था. तो वहीं कांग्रेस की 65 और एचडी देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस को 58 सीटें मिलीं. यहां देवगौड़ा ने एक खेल कर दिया और अपने विधायकों को रिसॉर्ट में ठहरा दिया. यहां उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से जमकर सौदेबाजी की और अपने पसंद का मुख्यमंत्री और मंत्रिमंडल में मलाई वाले मंत्रालय को लेकर बातचीत कर कामयाबी हासिल की. ये बातचीत लगभग एक महीने तक चली.  


साल 2008 में जोड़-तोड़ और सत्ता सुख


साल 2008 में खनन कारोबारी जनार्दन रेड्डी को बीजेपी ने बहुमत हासिल करने का काम सौपा. ये जिम्मेदारी उन्होंने बखूबी निभाई और 15 विधायक जुटा भी लिए. ये सभी विधायक कांग्रेस और जेडीएस से अलग हुए थे. इसके बाद इन सभी विधायकों को बेहतरीन रिसॉर्ट और होटल्स में बेहतरीन सुविधाओं के साथ ठहराया गया. इसके बाद येदियुरप्पा ने इन्हें न सिर्फ इस्तीफा दिलवाया बल्कि बाद में मंत्री भी बना दिया जिससे पार्टी के नेता काफी नाराज भी हुए थे.


महाराष्ट्र के अलावा इन राज्यों में हो चुकी है रिसॉर्ट पॉलिटिक्स


महाराष्ट्र में चल रही रिसॉर्ट पॉलिटिक्स कोई नई नहीं है. हरियाणा (Haryana) में देवीलाल की इंडियन नेशनल लोक दल (INLD) और तत्कालीन बीजेपी (BJP) ने गठबंधन की सरकार बनाने के लिए 48 विधायकों को दिल्ली के एक बड़े होटल में जमा कर लिया था. तो वहीं कर्नाटक (Karnataka) में हुई रिसॉर्ट पॉलिटिक्स के बारे में आपको बता ही चुके हैं. इसके अलावा मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भी यही देखने को मिला था जब बीजेपी ने कांग्रेस (Congress) की सरकार को गिरा दिया था. तो वहीं राजस्थान (Rajasthan) में कोरोना काल (Corona Period) में इसी तरह की स्थिति सामने आई थी. तब कांग्रेस नेता सचिन पायलट (Sachin Pilot) बागी विधायकों के साथ हरियाणा पहुंच गए थे, जैसे आज के समय में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) गुवाहाटी में डेरा जमाए हुए हैं. तो वहीं अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने अपने खेमे के विधायकों को अलग रिसॉर्ट में ठहराया हुआ था. उसके बाद आंध्रप्रदेश, गुजरात, बिहार आदि सभी राज्यों में सरकारों को गिराने के लिए रिसॉर्ट पॉलिटिक्स (Resort Politics) या विधायकों की होटल में लामबंदी की गई.


ये भी पढ़ें: Explainer: महाराष्ट्र में फ्लोर टेस्ट हुआ तो कौन साबित कर पाएगा बहुमत, जानिए क्या बन रहे हैं समीकरण?


ये भी पढ़ें: Maharashtra: एनसीपी और कांग्रेस के मंत्रियों ने 4 दिन में जारी किए हजारों करोड़ के 182 सरकारी आदेश, पहले ही लग गई थी बगावत की भनक