Shiv Sena Next President: उद्धव बालासाहेब ठाकरे (शिवसेना) ने चुनाव आयोग से पार्टी में आंतरिक चुनाव करवाने या यथास्थिति बनाए रखने का अनुरोध किया है. हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से इस पर कुछ नहीं कहा है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि 23 जनवरी को उद्धव ठाकरे का कार्यक्राल समाप्त हो रहा है तो क्या वो उसके बाद भी पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे?


अध्यक्ष पद को लेकर गतिरोध के बारे में पूछे जाने पर पार्टी नेता अनिल परब ने जोर देकर कहा कि ठाकरे पद पर बने रहेंगे, क्योंकि चुनाव आयोग ने कोई विशेष निर्देश नहीं दिया है. उन्होंने कहा, "उद्धव ठाकरे पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के लिए शिवसेना पार्टी के अध्यक्ष हैं और रहेंगे." पार्टी कार्यकर्ताओं को किसी अनुमति की जरूरत नहीं है. हमने केवल कानूनी औपचारिकताओं का पालन करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगी थी.


चुनाव आयोग ने मांगा लिखित जवाब


उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शिवसेना पार्टी के चुनाव चिह्न मामले की सुनवाई करते हुए ठाकरे और शिंदे गुटों से 23 जनवरी से सात दिनों में अपना लिखित जवाब देने को कहा और अगली सुनवाई 30 जनवरी के लिए निर्धारित की. इस पर परब ने कहा, "हमारे वकील ने तर्क दिया कि पार्टी सिर्फ सांसदों और विधायकों से नहीं होती, बल्कि इसमें राष्ट्रीय कार्यकारिणी और पार्टी संगठन शामिल है और इसमें हमारे पास बहुमत है."


'पार्टी में कोई फूट नहीं है'


परब ने कहा कि 2018 की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद उद्धव ठाकरे के फिर से चुने जाने पर किसी ने कोई सवाल नहीं उठाया था. उन्होंने कहा, "अब अचानक शिंदे गुट के पार्टी छोड़ने के बाद वे सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि शिवसेना के संविधान में 'मुख्य नेता' पद का कोई प्रावधान नहीं है तो सीएम एकनाथ शिंदे का खुद को उस पद पर चुना जाना अमान्य और असंवैधानिक है. पार्टी में कोई फूट नहीं है और धनुष-बाण का चिह्न और पार्टी का नाम हमारे पास रहेगा.


शिंदे गुट ने क्या कहा?


दूसरी ओर, शिंदे गुट के वकील निहार ठाकरे ने दिल्ली में मीडिया को बताया कि इसने चुनाव आयोग के सामने तर्क दिया कि यह असली शिवसेना है, क्योंकि अधिकांश निर्वाचित प्रतिनिधि इसके साथ हैं. उन्होंने कहा, "एक निर्वाचित पार्टी की मान्यता उसे प्राप्त वोटों पर निर्भर करती है. ऐसे में अगर सबसे ज्यादा चुने हुए प्रतिनिधि हमारे साथ हैं तो हम असली पार्टी हैं. हमें ईसीआई से अच्छे फैसले की उम्मीद है."


'सरकार कब तक चलेगी?'


मुंबई में शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक आदित्य ठाकरे ने चुनाव आयोग की सुनवाई की लंबी प्रक्रिया पर गुस्सा व्यक्त किया. उन्होंने कहा, "शिवसेना हिंदू हृदय सम्राट शिवसेना प्रमुख बालासाहेब ठाकरे और पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और सभी शिवसैनिकों की है. फैसला हमारे पक्ष में होगा, क्योंकि सच्चाई हमारे साथ है, लेकिन असंवैधानिक सीएम और सरकार कब तक चलेगी?"


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